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गड्ढे, पानी और अंधेरा बना खतरा
भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर और औद्योगिक शहर कटक को जोड़ने वाला नंदनकानन मार्ग इस समय भारी जलजमाव, गहरे गड्ढों और बिना लाइट वाले खतरनाक हालात से गुजर रहा है। पिछले एक सप्ताह से यह अहम सड़क जलमग्न है, जिससे रोजEना हजारों यात्रियों की जान जोखिम में पड़ रही है। यह सड़क कार्यालय जाने वालों, छात्रों और नंदनकानन चिड़ियाघर के पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है, लेकिन जिम्मेदार एजेंसियां आंखें मूंदे हुए हैं।
जलजमाव और छिपे गड्ढों का कहर
हालिया बारिश के बाद इस मार्ग पर लगातार जलजमाव बना हुआ है। ओडिशा फायर सर्विस ने पंप सेट तैनात किए हैं, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ है। पानी के नीचे छिपे गहरे गड्ढे दोपहिया चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। कई जगहों पर सड़क का नामो-निशान तक नहीं दिखता।
अंधेरे में हादसे का डर
इस मार्ग पर न तो स्ट्रीट लाइट काम कर रही हैं, न नालियों की निकासी व्यवस्था, और न ही सड़कों के किनारे कोई सुरक्षा अवरोध (केर्ब) है। अंधेरे में यह रास्ता मौत का रास्ता बन चुका है। रात में चलना किसी दुस्साहस से कम नहीं।
ट्रैफिक अव्यवस्था और उलटी दिशा में गाड़ी चलाने की मजबूरी
जलजमाव से बचने के लिए अब लोग उलटी दिशा में गाड़ियां चलाने लगे हैं, जिससे टकराव और अव्यवस्था की स्थिति बन रही है। पुलिस की तरफ से गड्ढों के पास कुछ बैरिकेड्स लगाए गए हैं, लेकिन वो भी नाकाफी हैं।
आम जनता का फूटा गुस्सा
एक यात्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि भुवनेश्वर और कटक को जोड़ने वाला यह मुख्य मार्ग है। अगर ये प्राथमिकता नहीं है, तो फिर क्या है? हर दिन इस रास्ते से गुजरते हुए लगता है कि जान जोखिम में डाल रहा हूं। क्या स्मार्ट सिटी ऐसे होती है? अब यह केवल असुविधा नहीं रही, यह सीधा जान का खतरा है। क्या अधिकारी किसी के मरने का इंतजार कर रहे हैं?
जिम्मेदार अधिकारी नदारद
इस पूरे मामले पर संबंधित किसी भी अधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। लोगों का कहना है कि यदि तत्काल सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो बड़ी दुर्घटना होने में अब देर नहीं।