-
हीराकुद से छोड़ा गया पानी कटक के मुंडली पहुंचा
-
4.5 लाख क्यूसिक से अधिक जलप्रवाह
भुवनेश्वर। ओडिशा में जारी मॉनसून बारिश के बीच हीराकुद जलाशय से छोड़ा गया बाढ़ का पानी आज कटक जिले के मुंडली बैराज तक पहुंच गया है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, आज महानदी की निचली धारा में करीब 4.5 लाख क्यूसिक पानी का बहाव दर्ज किया जाएगा।
हीराकुद बांध के 20 स्लुइस गेट खोल दिए गए हैं, जिनमें से 13 बाएं और 7 दाएं तट पर स्थित हैं। यह कदम मॉनसून बाढ़ प्रबंधन रणनीति के तहत उठाया गया है।
स्थिति नियंत्रण में, निगरानी जारी
हालांकि बाढ़ का पानी डेल्टा क्षेत्रों में पहुंच गया है, फिर भी महानदी की निचली धारा में स्थिति नियंत्रण में बताई गई है। विभाग के मुख्य अभियंता ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है, लेकिन बारिश की मात्रा के आधार पर गेट संचालन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
हीराकुद में इनफ्लो (पानी का प्रवेश) वर्तमान में 3,42,453 क्यूसिक प्रति सेकेंड है, जबकि आउटफ्लो (जल छोड़ना) 3,35,649 क्यूसिक है। इनफ्लो के थोड़ा अधिक होने से जलाशय में पानी का स्तर बढ़ रहा है, जिससे महानदी किनारे स्थित जिलों में सतर्कता बरती जा रही है।
48 घंटे तक महानदी में पानी का स्तर रहेगा ऊंचा
रविवार सुबह 10 बजे से गेट नंबर 7 खोलने के साथ यह जल निकासी प्रक्रिया शुरू हुई थी और अब लगातार बढ़ते इनफ्लो को देखते हुए गेटों की संख्या बढ़ाई गई है। आगामी 48 घंटे तक महानदी में पानी का स्तर ऊंचा बना रहने की संभावना जताई गई है।
बैतरणी में निजामपुर के पास तेज कटाव जारी
एक तरफ महानदी में बाढ़ का पानी पहुंच रहा है, वहीं दूसरी ओर बैतरणी नदी में लगातार जलस्तर ऊंचा रहने से जाजपुर जिले में नदी किनारे कटाव की चिंता फिर गहरा गई है। निजामपुर के पास पुराने धंसाव स्थल के पास नए कटाव की रिपोर्ट सामने आई है।
हालांकि अब तक किसी बड़े टूटाव की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। नुआपाटना के पास पहले से क्षतिग्रस्त हिस्से में भारी बारिश के चलते पानी का दबाव बना हुआ है। नदी में बने कच्चे टापू और तलछट के कारण जलधारा बाधित हो रही है, जिससे कटाव तेज हो गया है।
रातभर चला रेस्क्यू और मरम्मत कार्य
इंजीनियरों ने आपातकालीन बालू की बोरियों और मिट्टी से भराव कर नया कटाव रोकने का प्रयास किया, जो आज तड़के तक पूरा हो गया। विभाग की टीम लगातार हाइड्रोडायनामिक दबाव की निगरानी कर रही है।
दशरथपुर ब्लॉक प्रशासन की टीम मौके पर तैनात है। खुदाई मशीनें और मरम्मत सामग्री स्टैंडबाय में रखी गई हैं।
संयुक्त निरीक्षण और प्रशासन की सतर्कता
बैतरणी और ब्राह्मणी नदियों के जलस्तर की निगरानी जारी है। जिला कलेक्टर पी. अन्वेषा रेड्डी ने बताया कि संबंधित ब्लॉकों के बीडीओ और तहसीलदार मौके पर तैनात हैं और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
आखुपड़ा में बैतरणी खतरे के करीब
भद्रक जिले के आखुपड़ा में बैतरणी नदी का जलस्तर 18.03 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर (17.83 मीटर) से ऊपर है, लेकिन खतरे के निशान (18.33 मीटर) से नीचे बना हुआ है।
जाजपुर, केंद्रापड़ा, केंदुझर और भद्रक जिलों में भारी बारिश
उच्च जलस्तर का कारण पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा में सक्रिय निम्न दबाव का क्षेत्र है, जिससे जाजपुर, केंद्रापड़ा, केंदुझर और भद्रक जिलों में भारी बारिश हुई है।