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गंजाम जिले में एक की मौत, कई गंभीर
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छह जिलों में फैला जलजनित संक्रमण
भुवनेश्वर/ब्रह्मपुर। ओडिशा में डायरिया और अन्य जलजनित बीमारियों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को गंजाम जिले के दिग्गपहांडी ब्लॉक स्थित साहदेव टिकरापड़ा ग्राम पंचायत के ऊस्तापल्ली गांव में संदिग्ध डायरिया प्रकोप से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि बीस से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। मृतक की पहचान स्थानीय निवासी दास साबर के रूप में हुई है।
प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार, शनिवार सुबह अचानक गांव में उल्टी और दस्त के लक्षणों से पीड़ित लगभग 20 लोगों को दिग्गपहांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इनमें से 10 की हालत गंभीर होने पर उन्हें ब्रह्मपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह संक्रमण हैजा है या कोई अन्य जलजनित रोग। जिला स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मरीजों के मल और पेयजल के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
आपात स्वास्थ्य सेवाएं सक्रिय, गांव में राहत कार्य जारी
प्रशासन ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए अग्निशमन विभाग की टीम को ऊस्तापल्ली गांव में तैनात किया है, जो निचले इलाकों से जलनिकासी का कार्य कर रही है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें गांव पहुंचकर सामुदायिक स्तर पर चिकित्सा सेवाएं दे रही हैं।
ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग (आरडब्ल्यूएसएस) ने सभी जल स्रोतों को सेनेटाइज करने के लिए क्लोरीन और ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग शुरू कर दिया है। सभी गांवों में पेयजल को शुद्ध करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने आसपास के ग्राम पंचायतों को सतर्क कर दिया है और एहतियातन अतिरिक्त चिकित्सा स्टाफ तथा दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। साथ ही, आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लक्षणों की पहचान करने और जरूरतमंदों को ओआरएस घोल देने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम जल्द ही गांव पहुंचने वाली है, जो महामारी सर्वेक्षण और व्यापक स्वास्थ्य जांच करेगी।
राज्य के अन्य जिलों में भी डायरिया और हैजा का प्रकोप
गंजाम की यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब ओडिशा के अन्य जिलों में भी डायरिया और हैजा जैसे जलजनित रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दो सप्ताह पहले जाजपुर जिले में हैजा से सात लोगों की मौत हुई थी और 260 से अधिक लोगों का इलाज किया जा रहा था।
इसी प्रकार केंदुझर, कटक, केंद्रापड़ा, भद्रक और ढेंकानाल जिलों से भी डायरिया और जलजनित बीमारियों के मामले सामने आए हैं। राज्यभर में यह स्वास्थ्य संकट महामारी का रूप लेता जा रहा है।
जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते व्यापक रोकथाम के उपाय नहीं किए गए तो यह संकट और अधिक गहराता जा सकता है। कमजोर जल आपूर्ति व्यवस्था, स्वच्छता की कमी और बारिश के मौसम में बढ़ते जल स्रोतों के प्रदूषण से स्थिति और गंभीर हो रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत स्वास्थ्य और स्वच्छता ढांचे की जरूरत
गंजाम जिले में सामने आया यह नया प्रकोप ओडिशा की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की नाजुक स्थिति को उजागर करता है। एक ओर जहां बुनियादी जल आपूर्ति और स्वच्छता की व्यवस्था कमजोर है, वहीं दूसरी ओर समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप की क्षमता भी सीमित है।
सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण की बात कही है, लेकिन जलजनित बीमारियों की श्रृंखलाबद्ध घटनाएं यह दर्शाती हैं कि राज्य को दीर्घकालिक रणनीति और बेहतर आपदा-प्रबंधन तंत्र की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता, जनजागरूकता और त्वरित स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना इस संकट पर पूर्ण विराम नहीं लगाया जा सकता।