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ऊपरी हिस्से में भारी वर्षा, लेकिन निचले क्षेत्रों में इसका असर नहीं
भुवनेश्वर। ओडिशा में बीते दिनों ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बावजूद राज्य की प्रमुख नदियों महानदी और ब्राह्मणी में फिलहाल बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। यह जानकारी जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता चंद्रशेखर पाढ़ी ने रविवार को मीडिया से बातचीत में दी।
पाढ़ी ने बताया कि महानदी नदी के ऊपरी हिस्से में भारी वर्षा जरूर हुई है, लेकिन निचले क्षेत्रों में इसका असर नहीं पड़ा है। इसी कारण महानदी और ब्राह्मणी दोनों नदियों के निचले हिस्सों में कहीं भी बाढ़ की स्थिति नहीं बनी है।
उन्होंने बताया कि हीराकुद बांध में जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर रविवार को चरणबद्ध तरीके से 12 स्लूस गेट खोले जा रहे हैं। लगभग 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, ताकि जलस्तर को नियंत्रित रखा जा सके। फिलहाल हीराकुद का जलस्तर 609 फीट पर है, जो पूरी तरह से सुरक्षित सीमा के भीतर है। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि छत्तीसगढ़ से और अधिक पानी भी आता है, तब भी ओडिशा के निचले क्षेत्रों में किसी बड़े खतरे की संभावना नहीं है।
उधर, ब्राह्मणी नदी पर बने रेंगाली बांध में भी जलस्तर बढ़ने के कारण शनिवार को एक फाटक खोला गया था और रविवार सुबह 10:30 बजे एक और फाटक खोला गया। हालांकि, ब्राह्मणी नदी में जलस्तर सामान्य है और किसी भी तरह की गंभीर वृद्धि दर्ज नहीं की गई है।
पाढ़ी ने कहा कि महानदी के ऊपरी क्षेत्र में शनिवार को भारी बारिश हुई थी, इसलिए हीराकुद से चरणबद्ध तरीके से 12 फाटकों को खोला जाएगा। रेंगाली से भी सावधानीपूर्वक पानी छोड़ा जा रहा है।
इस बीच बालेश्वर जिले के राजघाट के आसपास के निचले इलाकों में सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि वहां की सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है, पर स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि बांधों से जल छोड़ने से पहले सायरन बजाकर और सार्वजनिक घोषणाएं कर स्थानीय लोगों को सतर्क किया गया है। निचले इलाकों के निवासियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। हालांकि फिलहाल किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति नहीं है।
इस पूरी प्रक्रिया को जल संसाधन विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया के तहत नियंत्रित और सावधानीपूर्वक अंजाम दिया जा रहा है।