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ओडिशा सरकार ने टाटा स्टील पर 1,902 करोड़ का जुर्माना ठोका

  • सुकिंदा खनन में खनिज आपूर्ति की कमी का आरोप

  • जाजपुर जिले के क्रोमाइट ब्लॉक में खनन नियमों के उल्लंघन का आरोप

  • टाटा स्टील ने बताया दावा अनुचित

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने टाटा स्टील के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए 1,902.72 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना जाजपुर जिले के सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक से खनिज आपूर्ति (डिस्पैच) में कथित कमी को लेकर लगाया गया है।

यह नोटिस 3 जुलाई को खान उप निदेशक, जाजपुर कार्यालय की ओर से खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिज को छोड़कर) रियायत नियम, 2016 के नियम 12ए के तहत जारी किया गया है। यह दावा 23 जुलाई 2023 से 22 जुलाई 2024 के बीच माइन डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन एग्रीमेंट (एमडीपीए) के चौथे कार्यान्वयन वर्ष से संबंधित है।

आईबीएम के मूल्य संशोधन पर आधारित है जुर्माने की गणना

टाटा स्टील पर यह जुर्माना इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (आईबीएम) द्वारा हाल ही में संशोधित औसत बिक्री मूल्यों के आधार पर लगाया गया है। राज्य खनन प्राधिकरणों ने दावा किया है कि इन संशोधित कीमतों के आधार पर खनिज आपूर्ति में कमी (डिस्पैच शॉर्टफॉल) हुई है, जिसके चलते कंपनी के प्रदर्शन सुरक्षा राशि को वसूली की दिशा में समायोजित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

टाटा स्टील ने आरोपों को बताया आधारहीन, कानूनी लड़ाई की तैयारी

टाटा स्टील ने ओडिशा सरकार के इस दावे को “मनमाना और अनुचित” करार दिया है। शेयर बाजार को दी गई नियामकीय जानकारी में कंपनी ने कहा है कि प्रबंधन का मानना है कि राज्य सरकार की यह मांग बिना पर्याप्त आधार और तर्क के है।

कंपनी का कहना है कि यह मांग वास्तव में खनिज मात्रा में किसी वास्तविक अंतर पर आधारित नहीं है, बल्कि यह मूल्य निर्धारण (प्राइसिंग) के फार्मूले में अचानक किए गए संशोधन का परिणाम है, जो न तो पारदर्शी है और न ही संविदानुसार उचित।

सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक है रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण

जाजपुर ज़िले में स्थित सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक भारत के सबसे बड़े क्रोमाइट भंडारों में से एक है। यह खदान टाटा स्टील की फेरो एलॉय और स्टेनलेस स्टील निर्माण प्रक्रिया के लिए कच्चे माल का प्रमुख स्रोत है और कंपनी की वर्टिकल इंटीग्रेशन रणनीति में अहम भूमिका निभाती है।

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