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आईटी -सक्षम मॉनिटरिंग सिस्टम के कार्यान्वयन तथा बहुभाषी शिक्षा को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर विशेष बल
भुवनेश्वर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल कार्यान्वयन की दिशा में आज राज्य सरकार के लोकसेवा भवन में “द्वितीय राज्य टास्क फोर्स बैठक” संपन्न हुई। यह महत्वपूर्ण बैठक विकास कमिश्नर तथा अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव अनु गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रगति की समीक्षा करना और आगे की रणनीति निर्धारित करना था।
बैठक में प्रमुख रूप से अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव संजीव कुमार मिश्र, विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग की शासन सचिव एवं आयोग सदस्य शालिनी पंडित, दक्षता विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा की शासन सचिव एवं आयोग सदस्य भूपेन्द्र सिंह पुनिया, साथ ही उच्च शिक्षा, योजना एवं संयोजन विभाग एवं अन्य विभागों के साथ साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विकास आयुक्त ने बैठक में आईटी –सक्षम मॉनिटरिंग सिस्टम के कार्यान्वयन तथा बहुभाषी शिक्षा को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य स्तर पर एक प्रभावी आईटी–आधारित मॉनिटरिंग प्रणाली विकसित की जाए जो प्री-प्राइमरी (शिशु वाटिका) से कक्षा 12 तक शिक्षा प्रणाली की निरंतर प्रगति पर निगरानी रख सके।
इसके अतिरिक्त, एनसीईआरटी और आरआई, भुवनेश्वर के सहयोग से शिशु वाटिका के शिक्षकों के लिए सहयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता पर चर्चा की गई। नए कार्यपुस्तिका और शिक्षक हैंडबुक भी तैयार की जा चुकी हैं, जिन्हें राज्य स्तर पर वितरित किया जा रहा है। शैक्षिक निर्देशिका और पाठ्यपुस्तक विकास को मूलभूत स्तर से लेकर माध्यमिक तक समन्वित रूप से मजबूत बनाने के लिए राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण संस्थान को सुदृढ़ करने पर बल दिया गया।
ओडिशा ने प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें 45,000 से अधिक शिशु वाटिका कक्षाएं स्थापित की गई हैं और “शिक्षण सोपान” रजिस्टर व डिजिटल प्लेटफार्म “ई-जादुई पिटारा” की सहायता से शिक्षण सामग्री एवं शिक्षक हैंडबुक वितरण सहित आईटी–समर्थित शिक्षा उपाय लागू किए गए हैं। साथ ही, पीएमश्री योजना और आदर्श स्कूलों को भी बढ़ावा दिया गया है।