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ओडिशा अधिकारियों ने किया स्पष्ट
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झारखंड में चक्रवाती प्रणाली के बावजूद स्थिति नियंत्रण में
भुवनेश्वर। झारखंड के ऊपर सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण और ओडिशा में लगातार मानसूनी वर्षा के बीच, ओडिशा के शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि हीराकूद जलाशय को फिलहाल किसी भी प्रकार के बाढ़ खतरे का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
जल संसाधन विभाग के अभियंता सागर मोहंती ने जानकारी दी कि वर्तमान जलप्रवाह और वर्षा के आंकड़ों के आधार पर सुवर्णरेखा, बूढ़ाबलंग और जलका जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं, जो फिलहाल राहत की स्थिति को दर्शाता है।
मोहंती ने बताया कि हीराकूद जलाशय अभी केवल 19% भरा हुआ है, जिससे अतिरिक्त जल संग्रहण के लिए पर्याप्त स्थान मौजूद है। राज्य की अन्य नदियों में भी जलस्तर सामान्य बना हुआ है और फिलहाल किसी बाढ़ की आशंका नहीं है।
हालांकि झारखंड के ऊपर चक्रवाती सिस्टम के कारण महानदी और बैतरणी की ऊपरी घाटियों में मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि तेज बारिश तभी बाढ़ का कारण बन सकती है जब ऊपरी और निचली दोनों घाटियों में एक साथ अत्यधिक वर्षा हो।
जानकारी के अनुसार, महानदी घाटी में 60 मिमी और ब्राह्मणी घाटी में 30 मिमी बारिश हुई
चांडिल बांध के 6 गेट खोले गए
झारखंड स्थित चांडिल बांध के छह जलद्वार खोले गए हैं ताकि अतिरिक्त पानी को नियंत्रित तरीके से छोड़ा जा सके। इंजीनियरों के अनुसार यह प्रवाह अभी पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रण में है।