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मानसून का पहला बाढ़ जल छोड़ा गया
कोरापुट। ओडिशा के कोरापुट जिले के लाम्टापुट ब्लॉक में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते मछकुंड बांध का जलस्तर लगभग अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच गया है। स्थिति को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने एहतियात के तौर पर बांध के दो जलद्वार (गेट नंबर 6 और 7) खोल दिए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, यह वर्ष 2025 के मानसून सीजन में क्षेत्र का पहला बाढ़ जल प्रवाह है। मछकुंड बांध की अधिकतम जलधारण क्षमता 2,590 फीट है, जबकि वर्तमान जलस्तर 2,588 फीट तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान के काफी करीब है।
बांध पर दबाव कम करने और उसकी संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग 2,000 क्यूसेक पानी चितरकोंडा जलाशय की ओर छोड़ा जा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि यह एक नियमित बाढ़ नियंत्रण प्रक्रिया है। हम जलप्रवाह की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। यदि बारिश और तेज होती है तो और गेट खोले जा सकते हैं।
मछकुंड बांध क्षेत्र में ओडिशा और आंध्र प्रदेश दोनों ओर से भारी बारिश के चलते मानसून में जलप्रवाह काफी बढ़ जाता है। यह बांध बिजली उत्पादन और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रशासन ने संभावित खतरे को देखते हुए क्षेत्र के सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। बांध के ऊपरी और निचले क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। फिलहाल आसपास के गांवों से किसी भी प्रकार की बाढ़ या क्षति की सूचना नहीं है।