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मुख्यमंत्री ने की 2 करोड़ की अनुदान की घोषणा
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज आईआरसी विलेज, भुवनेश्वर में शबरी सांस्कृतिक परिषद द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कोरापुट, रायगड़ा, नवरंगपुर और मालकानगिरि जिलों के लिए शबरी सांस्कृतिक भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने भवन के विकास और बुनियादी सुविधाओं के लिए 2 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भवन केवल एक आश्रय स्थल नहीं होगा, बल्कि यह आदिवासी युवाओं के नेतृत्व, शिक्षा, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए एक सशक्त मंच बनेगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भवन में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
नए अवसर पैदा होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि शबरी भवन से आदिवासी भाई-बहनों के लिए शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और संस्कृति के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे। यह भवन आदिवासी जीवनशैली, आत्मा और पहचान को जीवित रखने का माध्यम बनेगा। आदिवासी संस्कृति केवल गीत और नृत्य नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन है। इसे संरक्षित और प्रचारित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
शबरी भवन ओडिशा की अस्मिता का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि शबरी भवन ओडिशा की अस्मिता का प्रतीक होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हमारी सरकार पूरे राज्य के संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विकास की यह यात्रा तभी सफल होगी जब सरकार, अधिकारी और जनता एक लक्ष्य के लिए एकजुट होकर काम करेंगे।
जनजाति कल्याण के लिए रिकॉर्ड 68,881 करोड़ का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि भुवनेश्वर में एक आदिवासी संस्कृति एवं विरासत भवन और आदिवासी भाषा संस्थान की स्थापना भी की जा रही है। राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण के लिए रिकॉर्ड 68,881 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया है। यह धनराशि केवल कल्याणकारी योजनाओं से इतर, विशेष रूप से इन समुदायों के लिए खर्च की जाएगी।
36 के लिए 36 कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2036 तक राज्य का सर्वांगीण विकास हो। 36 के लिए 36 कार्यक्रम के अंतर्गत हमने 36 ठोस कार्य योजनाएं तैयार की हैं। जनजातीय समाज ओडिशा की सांस्कृतिक जड़ें हैं और उनके विकास से ही समृद्ध ओडिशा का निर्माण संभव है। मैं स्वयं एक आदिवासी संतान हूं और पूरी शक्ति से उनके लिए समर्पित हूं।
आदिवासी संस्कृति ने एक विशिष्ट पहचान दी
कार्यक्रम में जनशिक्षा मंत्री एवं शबरी सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष नित्यानंद गोंड ने कहा कि ओडिशा की अस्मिता और स्वाभिमान को आदिवासी संस्कृति ने एक विशिष्ट पहचान दी है। दक्षिण ओडिशा विकास परिषद के लिए 200 करोड़ रुपये की टास्क फोर्स के गठन की भी घोषणा की गई है, जिससे विशेष रूप से अविभाजित कोरापुट क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।
कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि मंचासीन थे, जिनमें सांसद मुन्ना खान, बलभद्र माझी, पूर्व मंत्री रमेश चंद्र माझी, अरविंद ढाली, विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति, गौरी शंकर माझी, नरसिंह भात्रा, रघुराम माछा, नरसिंह माड़कामी, कद्रक अपालस्वामी, नीलमाधव हिक्का और जगन्नाथ सारका शामिल थे।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण जयपुर विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शबरी सांस्कृतिक परिषद के उपाध्यक्ष गोदावरीश महापात्र ने प्रस्तुत किया।