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राज्य में प्रशासनिक कामकाज ठप, जनता बेहाल
भुवनेश्वर। ओडिशा की प्रशासनिक मशीनरी इस समय गहरे संकट में है। भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर उनके कार्यालय में हुई मारपीट की घटना के विरोध में ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) और ओडिशा राजस्व सेवा (ओआरएस) के अधिकारियों ने राज्यव्यापी सामूहिक अवकाश लेकर कामकाज से किनारा कर लिया है। इसका सीधा असर राज्य के आवश्यक शासकीय कार्यों पर पड़ रहा है, जिससे आमजन परेशान हैं।
नवरंगपुर, राउरकेला, गंजाम, गजपति और कलाहांडी सहित कई जिलों में सरकारी सेवाएं पूरी तरह बाधित हो गई हैं। जाति प्रमाण पत्र, जमीन सत्यापन, पेंशन अनुमोदन जैसे आवश्यक कार्यों के लिए सरकारी दफ्तरों का रुख करने वाले नागरिक खाली हाथ लौट रहे हैं।
ओएएस संघ की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि आपातकालीन ड्यूटी में तैनात अधिकारी अपनी सेवाएं जारी रखेंगे, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। तहसील और ब्लॉक कार्यालयों में अधिकारी या तो पूरी तरह अनुपस्थित हैं या सीमित स्टाफ के सहारे बेहद धीमा काम हो रहा है। इससे विशेष रूप से बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित जिलों में राहत और पुनर्वास कार्यों पर बड़ा असर पड़ा है।
यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में सामने आया है जब ओडिशा में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा जैसे विश्वप्रसिद्ध आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। प्रशासनिक ठहराव ने इन दोनों ही मोर्चों पर संकट खड़ा कर दिया है।
रत्नाकर साहू पर कथित तौर पर हुए शारीरिक हमले के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में गहरी नाराजगी है। आरोप है कि बीएमसी कार्यालय में एक विवाद के दौरान साहू के साथ हाथापाई हुई। इसके बाद से ही अधिकारी आक्रोशित हैं और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही वे चाहते हैं कि ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों की सुरक्षा के लिए एक मज़बूत सुरक्षा तंत्र बनाया जाए।
राज्यभर में सैकड़ों कार्यालयों के बाहर लंबी कतारें और निराश जनता की भीड़ यह साफ संकेत दे रही है कि यह आंदोलन अब केवल एक विरोध नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
सरकार और अधिकारियों के बीच गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। ना कोई समाधान सामने है और ना ही हड़ताल खत्म होने के संकेत। ऐसे में राज्य में सुशासन और जनसेवाओं की निरंतरता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
यह मामला अब सिर्फ एक अधिकारी पर हुए हमले का नहीं, बल्कि ओडिशा की प्रशासनिक व्यवस्था की साख और जनता के अधिकारों से जुड़ा सवाल बन गया है।
मंत्री ने ड्यूटी पर लौटने की अपील की
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने अधिकारियों से जनहित को देखते हुए ड्यूटी पर लौटने की अपील की है। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए मंत्री पुजारी ने कहा कि सरकार अधिकारियों के दर्द और भावनाओं के साथ खड़ी है, लेकिन राज्य के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित हैं और रथयात्रा जैसे बड़े आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे समय में मैं सभी हड़ताली अधिकारियों से निवेदन करता हूं कि वे फिलहाल अपना आंदोलन स्थगित करें और ड्यूटी पर लौटें।
अब तक पांच गिरफ्तार
उन्होंने जानकारी दी कि बीएमसी अधिकारी पर हमले के मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ आरोपियों को उनके राजनीतिक दल से निलंबित भी किया गया है। कानून अपना काम करेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि असली साजिशकर्ताओं की पहचान में कुछ समय लग सकता है।
सरकार न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध
मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे राज्य के समक्ष मौजूद गंभीर परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपना आंदोलन एक उपयुक्त समय तक टालें। यह विरोध प्रदर्शन कई जिलों में प्रशासनिक कामकाज को प्रभावित कर रहा है, जिससे खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों और अन्य जनकल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर पड़ा है। पुजारी ने कहा कि इस कठिन समय में अधिकारियों का सहयोग हजारों जरूरतमंद लोगों की मदद करेगा और वार्षिक रथयात्रा के सफल आयोजन को भी सुनिश्चित करेगा।