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ओडिशा में रीयल एस्टेट पर बढ़ेगी सख्ती

  • ओरेरा को मिलेगी और ताकत, हर माह जारी होगा प्रवर्तन कैलेंडर

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में रीयल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई अहम निर्णय लिये हैं। इन निर्णयों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, विभागों के बीच समन्वय मजबूत करना और नियमों के उल्लंघन पर सख्ती से कार्रवाई करना है।
इन फैसलों की घोषणा लोक सेवा भवन, भुवनेश्वर में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में की गई।
अब सभी योजनाओं की ओरेरा को रियल-टाइम जानकारी अनिवार्य
अब राज्य के आवास और शहरी विकास विभाग  के अंतर्गत आने वाले सभी नियोजन और विकास प्राधिकरणों को ओरेरा (ओडिशा रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) को किसी भी परियोजना योजना की स्वीकृति की जानकारी रीयल-टाइम में देना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके लिए एक डिजिटल डेटा शेयरिंग प्रोटोकॉल विकसित किया जाएगा, जिससे विभागों के बीच जानकारी के अभाव की पुरानी समस्या समाप्त हो सकेगी।
ओरेरा 2.0 को मिलेगी तकनीकी मजबूती
ओरेरा 2.0 को अब भुलेख और सुजोग पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे डेटा डुप्लीकेशन रुकेगा और स्वीकृत परियोजनाओं की क्रॉस-वेरिफिकेशन संभव हो पाएगी।
प्रवर्तन के लिए नया तंत्र 
राज्य के आवास और शहरी विकास विभाग अब राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर ओरेरा के आदेशों को लागू कर सकेगा और ओपीडीआर एक्ट के तहत जुर्माना वसूली की जाएगी।
इतना ही नहीं, भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण और भुवनेश्वर नगर निगम से भी ओरेरा को प्रवर्तन में सहयोग मिलेगा।
सरकार ने हर माह एक प्रवर्तन कैलेंडर जारी करने की भी घोषणा की है।
जिलों में बढ़ेगी निगरानी, कलेक्टर रिपोर्ट भेजेंगे
अब जिला कलेक्टरों और तहसीलदारों को नियमित रूप से अवैध रियल एस्टेट गतिविधियों की जानकारी ओरेरा को भेजनी होगी।
रेरा के प्रावधानों को अब से कलेक्टर समीक्षा बैठकों का स्थायी एजेंडा बनाया गया है, ताकि जिला स्तर पर लगातार निगरानी बनी रहे।
ओरेरा को मिलेगा मानव संसाधन और शिकायत निवारण का ढांचा
ओरेरा में खाली पदों जैसे संयुक्त सचिव (प्रशासन) और उप सचिव (प्रवर्तन) को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा।
इसके अलावा, सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों को विज्ञापन के माध्यम से नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है।
ओरेरा और राज्य के आवास और शहरी विकास विभाग के बीच नियमित समीक्षा बैठकें होंगी, जिससे समयबद्ध शिकायत निवारण सुनिश्चित किया जा सके।
बदलते ढांचे में खरीदारों को मिलेगा सुरक्षा कवच
इन सभी सुधारों को ओडिशा के रियल एस्टेट क्षेत्र में “नीतिगत बदलाव” माना जा रहा है, जिनका उद्देश्य घर खरीदारों के अधिकारों की रक्षा और बिल्डरों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
सरकार का यह कदम न केवल नियमन को सख्त बनाएगा, बल्कि आम नागरिकों के विश्वास को भी मजबूत करेगा।
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