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पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास मची भगदड़, 3 की मौत

  • 50 से अधिक श्रद्धालु हुए घायल

  • चारमाला ले जा रहे दो ट्रकों के भीड़ में प्रवेश करने से मची भगदड़

  • रथयात्रा के बाद यहां पहुंचे रथों पर देवताओं के दर्शन के लिए पहुंचे थे श्रद्धालु

पुरी। पुरी के गुंडिचा मंदिर के पास स्थित सरधाबली क्षेत्र में रविवार तड़के भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 4:20 बजे उस वक्त हुआ, जब पहुड़ा अनुष्ठान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ एवं उनके भाई-बहन के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। रथयात्रा के बाद यहां पहुंचे रथों पर देवताओं के दर्शन के लिए लोग हर साल पहुंचते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ उस समय मची, जब चारमाला ले जा रहे दो ट्रक भीड़ के बीच प्रवेश कर गए, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग इधर-उधर भागने लगे।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जिन तीन श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है, उनकी पहचान प्रभाती दास, बसंती साहू और प्रेमकांत मोहंती के रूप में हुई है।

तीन की मौत की पुष्टि

पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वाईं ने तीन श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मृतकों के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, छह लोग घायल हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल

स्थानीय लोगों और चश्मदीदों ने सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि हादसे के वक्त मौके पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। प्रशासन द्वारा घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

 पुलिस महानिदेशक ने जायजा लिया

भगदड़ की घटना के बाद ओडिशा के पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। डीजीपी खुरानिया ने बताया कि इस हादसे की जांच शुरू कर दी गई है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

निर्देशों का पालन करने की अपील

उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे दर्शन के दौरान पुलिस निर्देशों का पालन करें और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में मोबाइल फोन से तस्वीरें लेने से बचें, क्योंकि इससे अव्यवस्था फैल सकती है। उन्होंने कहा कि हम श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूं कि वे विभिन्न स्थानों पर पुलिस द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

सुरक्षा व्यवस्था हुई कड़ी

प्रशासन ने घटनास्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है और अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि रथयात्रा के सुचारु संचालन के लिए सभी को संयम और सतर्कता बरतनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने शोक जताया, क्षमा मांगी

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने तीन श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने घटना को लेकर व्यक्तिगत रुप से उन्होंने राज्य सरकार की ओर से क्षमा याचना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाप्रभु की रथयात्रा हमारी ओड़िया लोगों का गौरव और गर्व है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर और कार्रवाई की जाएगी।

परिजनों को 25 लाख की सहायता की घोषणा

मुख्यमंत्री ने मृत भक्तों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनके निकटतम आश्रित को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही, उन्होंने इस घटना की पूर्ण प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच विकास आयुक्त की अध्यक्षता में की जाएगी।

डीएम, एसपी और डीसीपी पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया गया है। चंचल राणा को नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि पिनाक मिश्र को नया एसपी बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाढ़ी को निलंबित कर दिया गया है।

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