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महाप्रभु ने दिए नौयौवन रूप में दर्शन, रथयात्रा आज

  • भक्ति में डूबी पुरी सजकर तैयार

पुरी। पुरी नगरी में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकलेगी। उससे एक दिन पहले, गुरुवार को महाप्रभु ने अपने नवयौवन रूप में भक्तों को दर्शन दिए। नवयौवन दर्शन के इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालु श्रीमंदिर में उमड़ पड़े। यह वह क्षण था जब 15 दिनों की अणसर अवधि के बाद भगवान पुनः स्वस्थ होकर भक्तों के समक्ष प्रकट होते हैं।

अब सबकी निगाहें आज की रथयात्रा पर टिकी हैं। पुरी पूरी तरह सजकर तैयार है। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन चक्र के साथ तीन विशाल रथों पर सवार होकर अपने मौसी के घर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे। मार्ग को सजाया गया है, रथ आकर्षक रूप से अलंकृत किए गए हैं और गुंडिचा मंदिर स्वागत के लिए भव्य श्रृंगार में है।

श्रद्धालु सुबह से ही रथ मार्ग पर जुटने लगे हैं। श्रीमंदिर से सिंहद्वार तक की सड़कें भजन, कीर्तन और जयघोष से गूंज रही हैं। राज्य सरकार, जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने व्यवस्थाएं चाकचौबंद कर दी हैं। करीब 10 हजार से अधिक पुलिस बल, ड्रोन निगरानी, 275 एआई कैमरे और विशेष मेडिकल कैंप की व्यवस्था की गई है।

रथयात्रा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह ओडिशा की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। पुरी में प्रभु जगन्नाथ अपने भक्तों के बीच स्वयं आकर विराजमान होते हैं। उनके इस दुर्लभ रथ दर्शन का पुण्य लाखों श्रद्धालु पाने को आतुर हैं।

एसजेटीए ने अनुष्ठानों का कार्यक्रम जारी किया

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने 27 जून को रथयात्रा पर किए जाने वाले भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के अनुष्ठानों का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है।

मंगला अलाती: सुबह 6 बजे

मलयम: सुबह 6.10 बजे

तड़प लागी: सुबह 6.30 बजे

रोशा होम: सुबह 6.30 बजे

अवकाश: सुबह 7 बजे

सूर्य पूजा: सुबह 7.10 बजे

द्वारपाल पूजा: सुबह 7.30 बजे

वेश सेसा: सुबह 7.30 बजे

गोपाल बल्लभ और सकाल धूप (खेचुड़ी भोग): सुबह 8 बजे से 9 बजे तक

रथ प्रतिष्ठा: सुबह 9 बजे

मंगलार्पण: प्रातः 9.15 बजे

पहंडी प्रारंभ: सुबह 9.30 बजे

पहंडी समाप्त: दोपहर 12.30 बजे

श्री मदनमोहन, श्री राम, श्री कृष्ण बिजे: दोपहर 12.30 बजे से 1 बजे तक बजे

चितालागी: दोपहर 1.30 से 2 बजे तक

वेशा सेसा: दोपहर 1.30 बजे से 2.30 बजे तक

छेरा पहरा: दोपहर 2.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक

चारमालाफीता, घोड़ा और सारथी का स्थापना: शाम 4 बजे

रथ खींचना: शाम 4 बजे

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