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पुरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए परिवहन और सुरक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक विस्तार
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800 बसें और 365 विशेष ट्रेनें चलेंगी
पुरी/भुवनेश्वर। विश्व विख्यात रथयात्रा के लिए ओडिशा सरकार और निजी परिवहन संगठनों ने अभूतपूर्व तैयारी की है। इस वर्ष 27 जून को होने वाली श्रीजगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए कटक, भुवनेश्वर और पुरी के बीच चलने वाली बसों की संख्या को दोगुना कर 800 कर दिया गया है। इसके अलावा 365 विशेष ट्रेनों की भी व्यवस्था की गई है, जो ओडिशा और पड़ोसी राज्यों से पुरी तक यात्रियों को लाएंगी।
बस सेवा में दो गुना विस्तार
ऑल ओडिशा बस ओनर्स एसोसिएशन के अनुसार, सामान्य दिनों में जहां 400 बसें कटक से पुरी तक चलती हैं, वहीं रथयात्रा के दौरान यह संख्या बढ़ाकर 800 की जा रही है। यह कदम यात्रियों की अत्यधिक भीड़ को नियंत्रित करने, ओवरलोडिंग रोकने और निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्रमुख बस अड्डों पर विशेष काउंटर, अतिरिक्त स्टाफ, तथा साफ-सफाई और सुरक्षा जांच के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
यात्रा की निगरानी और ट्रैफिक प्रबंधन
राज्य परिवहन विभाग ने निजी बस ऑपरेटरों के साथ मिलकर कटक-भुवनेश्वर-पुरी मार्ग पर यातायात को सुचारु रखने के लिए विशेष योजना बनाई है। बसों के प्रस्थान समय को चरणबद्ध ढंग से नियंत्रित किया जाएगा ताकि ट्रैफिक जाम की स्थिति न उत्पन्न हो। हर प्रमुख बस स्टैंड पर हेल्प डेस्क, निगरानी यूनिट और इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम तैनात की जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए यात्रा परामर्श भी पहले से जारी कर दिए गए हैं।
रेलवे का व्यापक इंतजाम: 365 विशेष ट्रेनें
पूर्व तट रेलवे ने रथयात्रा के अवसर पर 365 विशेष ट्रेनों के संचालन की घोषणा की है, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों से भी पुरी तक चलेगी। ये ट्रेनें संबलपुर, राउरकेला, ब्रह्मपुर, खुर्दा रोड, अनुगूल और विशाखापट्टनम जैसे स्थानों से रवाना होंगी। यह संख्या पिछले वर्ष की 315 विशेष ट्रेनों की तुलना में अधिक है। स्टेशनों पर हेल्प डेस्क, स्वयंसेवकों और भीड़ नियंत्रण की विशेष व्यवस्था की गई है।
पुरी में अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था
पुरी जिला पुलिस ने पांच स्तरीय सुरक्षा घेरे की घोषणा की है। शहर में 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो प्रमुख स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखेंगे। इसके अतिरिक्त, 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी, क्विक रिस्पॉन्स टीम, और ड्रोन निगरानी भी तैनात की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था में भारतीय तटरक्षक बल भी शामिल रहेगा, जो पुरी समुद्रतट की निगरानी करेगा।
श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
रथयात्रा 2025 से एक दिन पहले ही पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर में गुरुवार को हजारों श्रद्धालुओं ने नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव के पावन अवसर पर भाग लिया। पूरे शहर में भक्ति और उल्लास का वातावरण रहा, जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा 15 दिनों की अनासार अवधि के बाद भक्तों को पुनः दर्शन देने के लिए प्रकट हुए। नेत्रोत्सव के अंतर्गत भगवानों की आंखों को विशेष प्राकृतिक औषधियों और पारंपरिक रंगों से फिर से सजाया जाता है, जिसे भगवान की दिव्य दृष्टि और चेतना की पुनः स्थापना के रूप में माना जाता है।
श्रद्धालुओं के लिए दुर्लभ अवसर
नवयौवन वेष भगवानों की अत्यंत दुर्लभ और आकर्षक झलक होती है। इस रूप में भगवान इतने नवीन और उज्ज्वल प्रतीत होते हैं जैसे उन्हें अभी-अभी निर्मित किया गया हो। भक्तों का विश्वास है कि इस रूप में दर्शन करना विशेष फलदायक होता है और इससे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।