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आवास, गोशाला, बाउंड्री वाल को नुकसान पर भी मिलेगा आर्थिक सहयोग
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वन एवं पर्यावरण विभाग ने एक नया मुआवजा पैकेज की अधिसूचना जारी की
भुवनेश्वर। ओडिशा में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। वन एवं पर्यावरण विभाग ने एक नए मुआवजा पैकेज की अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत वन्यजीव हमले में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
सरकार की अधिसूचना के अनुसार मुआवजा सिर्फ मानव मृत्यु तक सीमित नहीं है। वन्यजीवों द्वारा घरों को आंशिक नुकसान पहुंचाने पर 10,000 रुपये, जबकि रसोईघर या गोशाला जैसे ढांचों को नुकसान पहुंचने पर 3,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
यदि किसी परिवार का पूरा मकान वन्य पशु द्वारा नष्ट कर दिया जाता है, तो पीड़ित परिवार को ‘अंत्योदय आवास योजना’ के तहत नया घर उपलब्ध कराया जाएगा।
पक्की बाउंड्री या कंपाउंड वॉल को हुए नुकसान पर सरकार प्रति मीटर 5,000 रुपये, अधिकतम 25,000 रुपये तक का मुआवजा देगी।
हालांकि, अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि अन्य प्रकार की क्षति के लिए मुआवजे की पुरानी दरें यथावत रहेंगी।
बढ़ते संघर्ष की पृष्ठभूमि में लिया गया निर्णय
हाल के वर्षों में हाथी, तेंदुआ और अन्य वन्य पशुओं के ग्रामीण इलाकों में घुसने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। खासकर जंगलों से लगे क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव टकराव आम होता जा रहा है, जिससे जान-माल की हानि हो रही है। सरकार का मानना है कि इस संशोधित मुआवजा नीति से पीड़ित परिवारों को त्वरित और न्यायसंगत सहायता मिल सकेगी और जंगल से सटे क्षेत्रों में रहने वाले कमजोर समुदायों की पीड़ा भी कुछ हद तक कम होगी।
नई मुआवजा दरें राज्यभर में तत्काल प्रभाव से लागू
अधिकारियों के अनुसार ये नई मुआवजा दरें राज्यभर में तत्काल प्रभाव से लागू की जा रही हैं। इससे मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शिता, स्पष्टता और निष्पक्षता आएगी। सरकार का यह फैसला वन्यजीवों से प्रभावित लोगों के लिए संवेदनशीलता और सहानुभूति की भावना को दर्शाता है और साथ ही वन्यजीव संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की एक कोशिश भी है।