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ऑपरेशन ‘सिंदूर’ पर ट्रंप ने की थी बयानबाजी
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में आयोजित भव्य जनसभा को संबोधित करते हुए भावुक शब्दों में कहा कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ की पावन धरती पर आने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा फोन पर दिए गए भोज निमंत्रण को ठुकरा दिया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वे हाल ही में G7 की बैठक में भाग लेने के लिए गए थे, उसी दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से विशेष भोज में शामिल होने का निमंत्रण मिला था। डोनाल्ड ट्रंप ने खुद मुझे फोन किया और कहा कि आइए हम लोग साथ बैठकर भोजन करेंगे और विभिन्न मुद्दों पर बातें करेंगे,
लेकिन मैंने उसे अस्वीकार कर दिया और मैंने कहा कि मुझे महाप्रभु की धरती पर जाना है
और यहां आने का निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि मोदी के इस अस्वीकार के पीछे ओडिशा की धरती के साथ-साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ से जुड़ी आस्था के साथ एक कूटनीतिक जवाब भी जुड़ा था।
मोदी ने कहा कि मैं अमेरिका के उस भोज में शामिल हो सकता था, लेकिन मैंने महाप्रभु जगन्नाथ की धरती को प्राथमिकता दी और यह निर्णय सिर्फ आस्था नहीं, आत्मसम्मान से भी जुड़ा था।
यहां उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने मध्यस्थता करके भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध को रुकवाया है। उन्होंने कहा कि हमने युद्ध को आगे नहीं होने दिया। इसके बाद विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था और अमेरिका के समक्ष झुकने का आरोप लगाया था।