-
मुख्यमंत्री की छवि बिगाड़ने के इरादे से एआई से बनाया गया था अश्लील वीडियो
-
क्राइम ब्रांच ने रायगड़ा से युवक को किया गिरफ्तार
-
आईटी एक्ट समेत कई धाराएं लगीं
भुवनेश्वर। ओडिशा की अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) ने रायगड़ा जिले से एक युवक को गिरफ्तार किया है, जिस पर मुख्यमंत्री का आपत्तिजनक और एआई के माध्यम से तैयार किया गया फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का आरोप है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब एक नागरिक ने फेसबुक पर प्रसारित हो रहे मुख्यमंत्री के विकृत और आपत्तिजनक वीडियो को देखकर एफआईआर दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यह वीडियो जानबूझकर मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने और आम लोगों में उन्हें बदनाम करने के इरादे से संपादित किया गया था। साथ ही वीडियो में एक महिला की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई गई थी।
जांच में पता चला कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया था और उसे एडिट कर मुख्यमंत्री को अश्लील रूप में दर्शाया गया था।
जांच के बाद फेसबुक ने पोस्ट हटाया
ओडिशा क्राइम ब्रांच की साइबर क्राइम यूनिट ने मामले की तुरंत जांच शुरू की और रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन की। इसके बाद मेटा प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक वीडियो को हटाने का अनुरोध किया गया, जिस पर कंपनी ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए वीडियो को प्लेटफॉर्म से हटा दिया।
कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत है आरोपी
आगे की जांच में फेसबुक अकाउंट की पहचान रायगड़ा जिले के मूल निवासी किशोर कौसल्या के रूप में हुई, जो कि चांदली थाना क्षेत्र के केउटागुड़ा स्टेशन साही इलाके का रहने वाला है। वह जिले के टिकिरी क्षेत्र में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत है।
क्राइम ब्रांच की टीम ने तत्काल रायगड़ा पहुंचकर किशोर को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि उसने एआई तकनीक से वीडियो बनाकर उसे अश्लील रूप में बदलकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया, जिससे कई आपराधिक धाराएं लागू होती हैं।
क्राइम ब्रांच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरोपी को 18 जून 2025 को गिरफ्तार कर भुवनेश्वर के एसडीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। उस पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया पर पोस्ट करने से पहले सच्चाई पुष्टि करें
क्राइम ब्रांच ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के गैरकानूनी कृत्य में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही नेटिजेन्स (इंटरनेट उपयोगकर्ताओं) से आग्रह किया है कि वे सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट या साझा करने से पहले उसकी सच्चाई और वैधानिकता की पुष्टि अवश्य करें, ताकि किसी की गरिमा को ठेस न पहुंचे और कानून का उल्लंघन न हो।