-
राज्यभर में 2200 संक्रमित, 11 मौतें
-
केंद्र और राज्य सरकार अलर्ट पर
-
जाजपुर में 196 मरीजों का इलाज जारी
-
हाई लेवल समीक्षा बैठक में हुए अहम फैसले
भुवनेश्वर/जाजपुर। ओडिशा में डायरिया और हैजा (कॉलेरा) के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है। जाजपुर जिले में 16 हैजा के नए मामले मिले हैं। अब तक राज्यभर में 2,200 से अधिक डायरिया के मरीज सामने आए हैं, जबकि 11 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई है। हालांकि, गैर-आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या 21 तक पहुंच चुकी है।
जाजपुर के मुख्य जिला चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य अधिकारी (सीडीएमओ) डॉ विजय कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि जिले से 49 मल नमूने (स्टूल सैंपल) लिए गए थे, जिनमें से 37 की जांच में 16 में हैजा की पुष्टि हुई है। वहीं 22 जल सैंपल में से 17 की जांच में वाइब्रीयो कॉलेरी नामक बैक्टीरिया नहीं पाया गया, लेकिन मल सैंपल में इसका संक्रमण मिला है।
केवल उबला हुआ पानी पीएं
उन्होंने जनता से अपील की कि वे केवल उबला हुआ पानी पीएं, खाना खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं, घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखें और बाहर के खाने से परहेज करें।
डॉ मिश्र ने बताया कि जिले में फिलहाल 196 डायरिया मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें 78 मरीज जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती हैं और बीते 24 घंटे में 37 नए मरीज भर्ती हुए हैं। उन्होंने मानसून में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई है।
संक्रमण का मुख्य कारण गंदा और दूषित पानी
स्थिति को लेकर राज्य सरकार भी सतर्क है। लोक सेवा भवन, भुवनेश्वर में केंद्रीय स्वास्थ्य टीम और राज्य के अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई, जिसमें संक्रमण की गंभीरता, जल स्रोतों की जांच, सफाई व्यवस्था और चिकित्सा तैयारियों की समीक्षा की गई। केंद्रीय दल में आईसीएमआर, एफएसएसआई, आरएमआरसी और एनएचएम के विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने जमीनी निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि संक्रमण का मुख्य कारण गंदा और दूषित पानी है। टीम की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार जल्द स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने, जल स्वच्छता सुधारने और जन-जागरूकता अभियान तेज करने के लिए कदम उठाएगी। मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने भी मंगलवार को जाजपुर, केंदुझर, भद्रक, कटक और ढेंकानाल जिलों की स्थिति की समीक्षा की और जिलाधिकारियों को जल गुणवत्ता की नियमित जांच, प्रचार-प्रसार तेज करने और मृत्युदर रोकने के निर्देश दिए थे।
जाजपुर में 40 मोबाइल स्वास्थ्य टीमें तैनात
वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जाजपुर जिले में 40 मोबाइल स्वास्थ्य टीमें तैनात की हैं, जिनमें 8 विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं। इन टीमों ने अब तक 45 मोबाइल स्वास्थ्य शिविर लगाए हैं। अब तक राज्य सरकार द्वारा 40 लाख हॉलोजन टैबलेट, 6 लाख ओआरएस पैकेट, 400 ब्लीचिंग पाउडर के पैकेट और 3.4 लाख डॉक्सीसाइक्लिन टैबलेट प्रभावित क्षेत्रों में वितरित किए गए हैं। इसके अलावा 20 स्वास्थ्य मोबाइल यूनिट्स को गहन निगरानी के लिए भेजा गया है। भुवन, बांकी, धर्मशाला, बड़चना और भंडारीपोखरी जैसे सबसे अधिक प्रभावित ब्लॉकों में विशेषज्ञ टीमों की तैनाती की गई है।
खाद्य और जल नमूनों की रिपोर्ट में देरी से चिंता
हालांकि सरकार ने तेजी से कदम उठाए हैं, लेकिन खाद्य और जल नमूनों की रिपोर्ट में हो रही देरी को लेकर जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। स्थानीय अधिकारियों ने माना है कि सामूहिक भोज, दूषित पानी और अधिक पके आमों के सेवन से बीमारी का प्रसार हुआ हो सकता है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में संक्रमण की गति पर काबू पाया जा सकेगा, लेकिन फिलहाल जनता को सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है।