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सभी जिलों में जारी हुआ हाई अलर्ट
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10% नमूनों में हैजा की पुष्टि
भुवनेश्वर। ओडिशा में डायरिया के मामलों में लगातार तेजी से वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज आहूजा की अध्यक्षता में एक आपातकालीन उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य सचिव अश्वती एस., निदेशक (स्वास्थ्य), सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक और सभी जिलों के कलेक्टर शामिल हुए। बैठक में राज्यभर के हालात की समीक्षा की गई और सभी जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, अब तक जांचे गए नमूनों में से कम से कम 10 प्रतिशत में हैजा (विब्रियो कोलेरे) बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है।
पांच जिलों से 300 से अधिक नए मामले
जानकारी के अनुसार, अकेले मंगलवार सुबह 10 बजे तक पांच जिलों से 300 से अधिक नए डायरिया के मामले सामने आए हैं। हालांकि अधिकांश मरीजों की हालत सामान्य बताई गई है और उन्हें अस्पतालों में निगरानी में रखा गया है।
अब तक 11 लोगों की मौत
डायरिया का यह प्रकोप सबसे पहले 9 जून को जाजपुर जिले में सामने आया था। इसके बाद यह तेजी से ढेंकानाल, भद्रक, केंद्रापड़ा, केंदुझर, कटक सहित अन्य जिलों में फैल गया है। अब तक इस संक्रमण से 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2,000 से अधिक लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। संक्रमित क्षेत्रों में दूषित पेयजल स्रोत, सीवरेज लीकेज और खुले पाइपलाइन प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
जागरूकता अभियान तेज
राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में माइक से प्रचार, पोस्टर और घर-घर जाकर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए जागरूकता अभियान तेज कर दिया है। लोगों को उबला हुआ पानी पीने, खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों से बचने और सफाई बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। सभी जिलों में जल स्रोतों का क्लोरीनीकरण किया जा रहा है और साफ-सफाई का विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
हालात पर राज्य सरकार की नजर
स्वास्थ्य सचिव अश्वती एस. ने बताया कि राज्य सरकार हालात पर पूरी तरह नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि नए मामलों की संख्या बढ़ रही है लेकिन राहत की बात यह है कि अधिकतर मरीजों में लक्षण हल्के हैं और लोग समय पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। सभी जिलों के अधिकारियों को संक्रमण की रोकथाम के लिए तत्पर रहने और नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
केंद्र की टीम भी है प्रभावित जिलों में
राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार की ओर से भी स्थिति की निगरानी की जा रही है। केंद्र की ओर से भेजी गई 14 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम, जिसमें आईसीएमआर, एफएसएसएआई, आरएमआरसी और एनएचएम के प्रतिनिधि शामिल हैं, प्रभावित जिलों में मौजूद है। ये टीमें स्थानीय हालात की समीक्षा कर राज्य सरकार को तकनीकी सहायता दे रही हैं। इसके अलावा भुवनेश्वर और कटक के अस्पतालों में विशेष वार्ड स्थापित किए गए हैं। मोबाइल स्वास्थ्य टीमें, ओआरएस
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