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आधुनिक गेस्ट हाउस, मल्टीपर्पज वर्टिकल बिल्डिंग और आईटी कॉम्प्लेक्स का होगा निर्माण
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नई सरकार ने तैयार किया एक्शन प्लान
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार की महत्वाकांक्षी राजधानी पुनर्विकास परियोजना के तहत भुवनेश्वर के प्रमुख इलाकों में स्थित कम से कम 410 सरकारी क्वार्टरों को खाली करवाकर ध्वस्त किया जाएगा। यह कार्रवाई अशोक नगर और यूनिट-2 क्षेत्रों में की जा रही है, जहां इन पुराने क्वार्टरों की जगह अब आधुनिक गेस्ट हाउस और मल्टीपर्पज वर्टिकल बिल्डिंग तैयार किए जाएंगे।
ओडिशा में सरकार बदलने के बाद राजधानी के पुनर्विकास को प्राथमिकता दी गई है। इस परियोजना के लिए एक नई कार्ययोजना तैयार की गई है। इस योजना की शुरुआत, सरकारी आवासों को चरणबद्ध तरीके से खाली करवाने और फिर उन्हें तोड़ने के निर्णय के साथ हुई है।
6 महीने में खाली करने की नोटिस
सरकार द्वारा प्रभावित कर्मचारियों को 6 महीने के भीतर क्वार्टर खाली करने की नोटिस जारी कर दी गई है। जिन सरकारी अधिकारियों को हटाया जा रहा है, उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से नए क्वार्टर के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है। हालांकि, जो अधिकारी 31 दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत्त हो रहे हैं, वे इस प्रक्रिया के तहत नए क्वार्टर के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
स्थानीय लोगों का समर्थन
हालांकि यह प्रक्रिया कुछ लोगों के लिए विस्थापन का कारण बनेगी, लेकिन स्थानीय लोगों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। बताया जा रहा है कि पहले भी यूनिट-8 और अशोक नगर क्षेत्रों में 90 से अधिक अवैध रूप से कब्जा किए गए क्वार्टरों को भुवनेश्वर नगर निगम और भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण द्वारा खाली करवाकर सील कर दिया गया था। कई सरकारी आवास या तो बेरोकटोक खाली पड़े थे या फिर उनका दुरुपयोग हो रहा था। यही कारण था कि जीए एंड पीजी विभाग ने इन्हें तोड़कर नये भवन बनाने का प्रस्ताव रखा था।
बनेंगे 1,500 नए क्वार्टर, आईटी कॉम्प्लेक्स भी प्रस्तावित
ओडिशा के निर्माण मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने स्वीकार किया है कि कर्मचारियों के लिए क्वार्टरों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि इन पुराने और जर्जर सरकारी क्वार्टरों की जगह अब करीब 1,500 नए आवासीय क्वार्टरों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही एक आईटी कॉम्प्लेक्स भी इसी स्थान पर विकसित करने की योजना है।
सरकारी क्वार्टर अब रहने लायक नहीं रहे
उन्होंने कहा कि अशोक नगर इलाके के सरकारी क्वार्टर अब रहने लायक नहीं रह गए थे। कर्मचारियों के लिए पर्याप्त आवास की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए इन क्वार्टरों को हटाकर नए आवासों और बहुपरियोजनात्मक इमारतों का निर्माण किया जाएगा। इससे कर्मचारियों और आम नागरिकों को आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी।
राज्य की राजधानी के नक्शे में बड़ा बदलाव
इस परियोजना के लागू होने के बाद भुवनेश्वर के शहरी स्वरूप में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। जहां पहले पुराने और उपेक्षित क्वार्टर खंडहर बन चुके थे, अब वहां आधुनिक ढांचागत सुविधाओं से युक्त भवन और संस्थान स्थापित होंगे। इससे न केवल राजधानी की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि सरकारी कर्मियों को बेहतर रहन-सहन की सुविधा भी मिलेगी।