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राज्य के छह जिलों में फैला है प्रकोप
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जाजपुर में सात की मौत, 260 से अधिक अस्पताल में भर्ती- अन्य जिलों में भी अलर्ट जारी
भुवनेश्वर। ओडिशा के छह जिलों में कॉलरा और डायरिया का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है। जाजपुर, केंदुझर, कटक, केंद्रपाड़ा, भद्रक और ढेंकानाल जिलों में संक्रमण के पुष्ट मामले सामने आए हैं। जाजपुर सबसे अधिक प्रभावित है, जहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और 260 से अधिक मरीज गंभीर लक्षणों के साथ अस्पतालों में भर्ती हैं। स्थिति को महामारी के स्तर तक पहुंचा हुआ बताया जा रहा है, जिसके चलते राज्य सरकार ने नियंत्रण के प्रयास तेज कर दिए हैं।
केंद्र और राज्य सरकार अलर्ट पर
केंद्र सरकार की 14 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने जाजपुर में लिए गए सैंपलों में कॉलरा के कारक बैक्टीरिया वाइब्रियो कॉलरी की पुष्टि की है। इस बीच स्वास्थ्य सचिव अस्वथी एस. ने सोमवार को जाजपुर का दौरा कर हालात की समीक्षा की थी और जिला प्रशासन व स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
जाजपुर में सख्त कदम: होटल, मांस दुकानें 2 हफ्ते बंद
प्रशासन ने जाजपुर जिले के बिंझरपुर, व्यासनगर, धर्मशाला और बारी ब्लॉकों में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी होटल, ठेले और मांस की दुकानें दो सप्ताह तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। इन क्षेत्रों को अत्यधिक जोखिम क्षेत्र घोषित किया गया है।
कटक में नया क्लस्टर, 15 मरीज भर्ती
कटक जिले के तान्गी-चौदवार ब्लॉक के सुंदरी गांव में डायरिया के नए मामले सामने आए हैं। कम से कम 15 लोगों में तेज लक्षण पाए गए हैं, जिनमें से कई को एससीबी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। जिला प्रशासन ने आस-पास के क्षेत्रों में जल परीक्षण और निगरानी बढ़ा दी है।
अन्य जिले भी सतर्क, स्वास्थ्य विभाग ने दिए निर्देश
केंदुझर, भद्रक, ढेंकानाल और केंद्रापड़ा जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे जल गुणवत्ता की निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया टीमों की तैनाती और अस्पतालों में आपात वार्ड तैयार रखने जैसे कदम तत्काल उठाएं। फिलहाल जाजपुर के बाहर किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सड़क किनारे का भोजन न करें, उबला या शुद्ध पानी ही पिएं, और उल्टी, दस्त, बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अस्पताल जाएं। हाथ धोने की आदत, स्वच्छता, और संक्रमित जल स्रोतों से दूरी को बीमारी से बचाव के लिए अनिवार्य बताया गया है।