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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय स्वीकृति प्राधिकरण की बैठक में दी गई मंजूरी
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60 हजार से अधिक रोजगार के अवसर होंगे सृजित
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छह जिलों में होंगे औद्योगिक केंद्र
भुवनेश्वर। राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति देने के उद्देश्य से ओडिशा सरकार ने आठ बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 1,51,239.50 करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से राज्य में लगभग 60,200 नए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय स्वीकृति प्राधिकरण की 41वीं बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इन परियोजनाओं को ढेंकानाल, गंजाम, जाजपुर, केंदुझर, खुर्दा और संबलपुर ज़िलों में क्रियान्वित किया जाएगा। यह निर्णय राज्य को औद्योगिक दृष्टि से समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
एलुमिनियम उद्योग में सबसे बड़ी निवेश योजना
इन परियोजनाओं में सबसे बड़ी योजना वेदांत लिमिटेड की है, जो ढेंकानाल जिले में तीन मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता वाला एलुमिनियम संयंत्र तथा चार हजार नौ सौ मेगावाट विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना करेगी। इस योजना में 1,28,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा और 30 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
रासायनिक उत्पादों के निर्माण में नया केंद्र
गंजाम जिले में विशेष रसायन और शीतलन गैसों के निर्माण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना से लगभग 20 हजार रोजगार सृजित होंगे। यह संयंत्र एसआरएफ लिमिटेड द्वारा स्थापित किया जाएगा।
इस्पात और सहायक धातु उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
ढेंकानाल जिले में जिंदल इंडिया स्टील टेक लिमिटेड द्वारा विशेष इस्पात निर्माण संयंत्र की स्थापना की जाएगी, जिसकी लागत 3,600 करोड़ रुपये है और इससे दो हजार लोगों को काम मिलेगा।
केंदुझर जिले में श्याम स्टील मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड द्वारा एकीकृत इस्पात संयंत्र, डक्टाइल पाइप निर्माण इकाई और विद्युत संयंत्र की स्थापना की जाएगी, जिसकी लागत लगभग 2,490 करोड़ रुपये है।
इसके साथ ही जाजपुर में लिंडे इंडिया लिमिटेड द्वारा औद्योगिक गैस निर्माण हेतु वायु पृथक्करण इकाई की स्थापना की जाएगी, जिसमें एक सौ से अधिक लोगों को रोज़गार मिलेगा।
धातु सहायक इकाइयों का भी विस्तार
संबलपुर जिले में स्टार मेटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पट्टी मिल, ठंडे रोलिंग मिल और प्लेट निर्माण इकाई की स्थापना की जाएगी, जिसमें लगभग ढाई सौ लोगों को काम मिलेगा।
वहीं केंदुझर में सुप्रीम मेटल्स एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टीएमटी सरिया और वायर रॉड निर्माण के लिए नई इकाई स्थापित की जाएगी, जिसकी लागत पंद्रह सौ करोड़ रुपये है और इससे छह सौ अस्सी रोजगार सृजित होंगे।
वस्त्र उद्योग में भी बड़ा निवेश
खुर्दा जिले में स्पोर्टकिंग इंडिया लिमिटेड द्वारा कपास और मिश्रित सूत निर्माण इकाई की स्थापना की जाएगी, जिसमें दो हजार पचपन करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे राज्य में वस्त्र उद्योग को बल मिलेगा और चार हजार आठ सौ से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम – मुख्यमंत्री
परियोजनाओं की स्वीकृति के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि यह निर्णय राज्य को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष में अब तक छह उच्चस्तरीय स्वीकृति बैठकें हुई हैं, जिनमें कुल बासठ परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन सभी योजनाओं में कुल पांच लाख सड़सठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है और लगभग दो लाख बयालीस हजार लोगों को नौकरी मिल सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा अब औद्योगिक विकास के पथ पर आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय से प्रदेश में दोहरे इंजन की सरकार का असर साफ दिख रहा है।
विकसित भारत और समृद्ध ओडिशा की ओर कदम
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह प्रगति भारत सरकार के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में और ओडिशा सरकार की ‘समृद्ध ओडिशा 2036’ की परिकल्पना की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। सरकार आने वाले वर्षों में भी निवेशकों को अनुकूल वातावरण प्रदान कर राज्य को देश का औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।