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स्वास्थ्य विभाग की सचिव अस्वथी एस. ने जाजपुर का किया दौरा
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हालात का जमीनी स्तर पर निरीक्षण किया
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दूषित पेयजल हो सकता इस बीमारी के फैलने का प्रमुख कारण
भुवनेश्वर। ओडिशा में डायरिया और हैजा के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने पूरे राज्य में सतर्कता और जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की सचिव अस्वथी एस. ने सोमवार को जाजपुर जिले का दौरा कर हालात का जमीनी स्तर पर निरीक्षण किया। यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब जलजनित बीमारी ने जिले में कई लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने जाजपुर जिले के विभिन्न अस्पतालों में निरीक्षण के बाद कलेक्टर कार्यालय में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया कि दूषित पेयजल इस बीमारी के फैलने का प्रमुख कारण हो सकता है। हालांकि अन्य संभावित कारणों की भी जांच की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव अस्वथी एस. ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पेयजल का दूषित होना इस प्रकोप का मुख्य कारण प्रतीत होता है। हमारी कई टीमें जल स्रोतों की जांच में लगी हैं और युद्धस्तर पर कारणों की तलाश कर रही हैं। प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सुरक्षा के सभी आवश्यक उपाय तत्काल लागू कर दिए गए हैं।
पूरे राज्य में ‘डायरिया रोको अभियान’ की शुरुआत
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने सोमवार से राज्यव्यापी ‘डायरिया रोको अभियान’ की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य डायरिया और हैजा के संक्रमण को रोकना, समय पर उपचार सुनिश्चित करना और स्वच्छता उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
इस अभियान के तहत चिकित्सा विशेषज्ञों और महामारी विशेषज्ञों की 14 सदस्यीय केंद्रीय टीम लगातार स्थिति की निगरानी कर रही है। यह टीम स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को वैज्ञानिक मार्गदर्शन भी दे रही है।
बच्चे सर्वाधिक प्रभावित
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जाजपुर जिले में इस समय 265 मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत हैं। इनमें से 14 मरीजों को जाजपुर रोड अस्पताल में भर्ती किया गया है जबकि 20 से अधिक मरीज डनगड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवा रहे हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा छोटे बच्चे आ रहे हैं, जो कि मानसून के इस मौसम में अत्यधिक संवेदनशील माने जाते हैं।
गांवों में लगाए जा रहे हैं मेडिकल कैंप
प्रभावित इलाकों में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार ने मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात की हैं। ये टीमें गांवों में शिविर लगाकर मौके पर ही इलाज दे रही हैं। साथ ही, लोगों को ओआरएस का वितरण किया जा रहा है, स्वच्छता की जानकारी दी जा रही है और साफ-सफाई अपनाने की सलाह दी जा रही है।
राज्य सरकार का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है। यदि समय रहते स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया, तो एक बड़ी स्वास्थ्य आपदा को रोका जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं, खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें और किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।