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जाजपुर में अब तक 7 की मौत, 1500 से अधिक बीमार
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कटक, भद्रक, ढेंकानाल और केंदुझर में भी फैल रहा संक्रमण
भुवनेश्वर/जाजपुर। ओडिशा के जाजपुर जिले में फैला हैजा का प्रकोप अब भीषण रूप ले चुका है। सप्ताहांत तक इस घातक बीमारी से मरने वालों की संख्या 7 तक पहुंच गई थी, जबकि 1,500 से अधिक लोग तीव्र दस्त और डिहाइड्रेशन के कारण बीमार हो चुके हैं। अब यह संक्रमण तेजी से राज्य के अन्य जिलों, कटक, भद्रक, ढेंकानाल और केंदुझर में भी फैलने लगा है, जिससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य आपात स्थिति का माहौल बन गया है।
जाजपुर जिले के धर्मशाला, बड़चना, रसूलपुर और जाजपुर टाउन के सरकारी अस्पतालों में हर दिन सैकड़ों मरीज भर्ती हो रहे हैं। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद बीमारी पर काबू नहीं पाया जा सका है।
2 सप्ताह के लिए होटल, मांस दुकानें, जल पैकेजिंग यूनिट बंद
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जाजपुर और बाड़ी क्षेत्र में सभी होटल, खाने के स्टॉल, मांस की दुकानें, जल पैकेजिंग यूनिट और फास्ट फूड सेंटरों को दो सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही शादी, जन्मदिन, पूजा-पाठ जैसे सामुदायिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है और लोगों से अपील की गई है कि वे भीड़भाड़ वाले आयोजनों से बचें।
अन्य जिलों में भी दस्तक दे चुका है हैजा
ढेंकानाल जिले के भुवन ब्लॉक के कई पंचायतों में 50 से अधिक लोग हैजे जैसे लक्षणों के साथ अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं।
कटक जिले के बांकी और घोलापुर गांव में भी हैजा फैल चुका है। घोलापुर गांव में महज दो दिनों में 40 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं।
केंदुझर जिले के आनंदपुर उपमंडल में भी हैजा का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और संक्रमण के मामलों में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है।
भद्रक जिले में जाजपुर से आए सैंपल्स के साथ-साथ खुद के सैंपलों में भी हैजा की पुष्टि हुई है, जिसके बाद सघन निगरानी और सर्वे शुरू किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर इलाज, जल नमूना संग्रह और जनजागरूकता अभियान चलाना शुरू कर दिया है।
केंद्र सरकार की टीम पहुंची
राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने एक विशेष विशेषज्ञ टीम ओडिशा भेजी है जिसमें आईसीएमआर, एनसीडीसी, डब्ल्यूएचओ और एफएसएसएआई के विशेषज्ञ शामिल हैं। यह टीम स्वास्थ्य महानिदेशक और लोक स्वास्थ्य निदेशक के साथ मिलकर जाजपुर और अन्य प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण कर रही है।
राज्य सरकार हाई अलर्ट पर
राज्य के मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे संक्रमण नियंत्रण के उपायों में कोई ढिलाई न बरतें।
राज्य सरकार ने विशेष रूप से राजा पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर मिलने वाले भोजन और फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है और चेतावनी दी है कि नियमों के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों में तेजी से सुधार, लेकिन स्थिति चिंताजनक
हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कई मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है और रिकवरी दर भी बेहतर हो रही है, लेकिन संक्रमण की गति और फैलाव की सीमा को देखते हुए स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे केवल उबला हुआ पानी पिएं, खुले में बिकने वाला खाना न खाएं, और किसी भी तरह की लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाएं।