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चालक व हेल्पर गंभीर रूप से घायल
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घाटी पर तीखा मोड़, चालक ने खोया नियंत्रण
रायगड़ा। ओडिशा के रायगड़ा जिले के कोलनारा ब्लॉक अंतर्गत मुकुंदपुर घाटी में शनिवार देर रात एक मालवाहक ट्रक अनियंत्रित होकर करीब 20 फीट गहरी खाई में जा गिरा, जिससे ट्रक का चालक और हेल्पर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा इतना भयंकर था कि दोनों व्यक्ति ट्रक के केबिन में बुरी तरह फंसे पाए गए।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, ट्रक ब्रह्मपुर से रायगड़ा लौट रहा था और मुकुंदपुर घाटी के तीखे ढलान पर चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया। तीव्र मोड़ और अंधेरा होने के कारण ट्रक सीधे खाई में जा गिरा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक तेज रफ्तार में था और अचानक सड़क से फिसल कर नीचे पत्थरों पर जा गिरा।
दमकल विभाग की तत्परता ने बचाई जान
हादसे की जानकारी मिलते ही कोलनारा दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। ट्रक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था और चालक व हेल्पर लोहे के मलबे में फंसे हुए थे। हाइड्रोलिक कटर और रस्सियों की मदद से करीब 30 मिनट तक चले ऑपरेशन के बाद दोनों को बाहर निकाला गया।
हालत गंभीर, जिला अस्पताल में भर्ती
घायलों को मौके पर प्राथमिक उपचार देने के बाद तुरंत रायगड़ा जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि दोनों को कई जगहों पर फ्रैक्चर, अंदरूनी चोटें और सिर पर गंभीर चोटें आई हैं।
कोई आधिकारिक बयान नहीं, जांच शुरू
अब तक जिला प्रशासन या परिवहन विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है, हालांकि प्रारंभिक तौर पर ओवरलोडिंग, खराब सड़क की स्थिति और सुरक्षा उपायों की कमी को प्रमुख कारण माना जा रहा है।
वाहन की वैधता पर भी उठे सवाल
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि ट्रक के पास वैध परमिट था या नहीं और इसके साथ ही क्या वाहन में आवश्यक सुरक्षा उपकरण लगे थे। चालक और हेल्पर की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
गौरतलब है कि मुकुंदपुर घाटी, जो कि दक्षिण ओडिशा के राज्य राजमार्ग का हिस्सा है, पहले भी कई दुर्घटनाओं का गवाह बन चुकी है। घाटी में तेज ढलान, तीखे मोड़, अंधेरा, और सुरक्षात्मक रेलिंगों की कमी इसे दुर्घटना-प्रवण बनाते हैं।
बेहतर सुरक्षा इंतजाम की मांग
स्थानीय लोगों ने लंबे समय से रोशनी की व्यवस्था, मजबूत बैरियर और चेतावनी संकेतक लगाने की मांग की है। यह मार्ग भारी वाहनों की आवाजाही के लिए बेहद संवेदनशील है, क्योंकि व्यापारी और ट्रांसपोर्टर ब्रह्मपुर और रायगड़ा के बीच दूरी कम करने के लिए इसी रास्ते का उपयोग करते हैं।