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जल स्रोतों की तत्काल सफाई और निगरानी के निर्देश
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आवास एवं शहरी विकास विभाग ने सभी नगर निकायों और जिलास्तरीय अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा
भुवनेश्वर। राज्य के विभिन्न जिलों में डायरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए आवास एवं शहरी विकास विभाग (एच एंड यूडी) ने रविवार को सभी नगर निकायों और जिला स्तरीय अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखते हुए तत्काल रोकथाम और प्रतिक्रिया संबंधी उपायों के निर्देश जारी किए हैं।
विभाग की प्रमुख सचिव उषा पाढ़ी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जल स्रोतों की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय निगरानी की जाए, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है। हमें तेजी से और समन्वित ढंग से काम करना होगा ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि पीने के जल स्रोतों का तत्काल निरीक्षण और कीटाणुशोधन करने, संभावित हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान और त्वरित प्रतिक्रिया देने, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ समन्वय करने तथा फील्ड स्टाफ की जागरूकता और समुदाय को स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
समन्वित प्रयासों की दिशा में उठाए जा रहे कदम
विभाग द्वारा आपातकालीन जल गुणवत्ता परीक्षण, साफ-सफाई अभियानों में तेजी लाने और जन जागरूकता अभियान भी आरंभ किए गए हैं, ताकि आगामी मानसून के पहले ही संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सके।
पाढ़ी ने बताया कि प्रत्येक नगर निकाय में वरिष्ठ अधिकारी स्थानीय हालात पर करीबी नजर बनाए रखें और यदि किसी इलाके में डायरिया के सामूहिक मामलों की सूचना मिलती है, तो उसे तुरंत राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम को सूचित किया जाए।
नागरिकों से अपील
आवास एवं शहरी विकास विभाग (एच एंड यूडी) ने नागरिकों से अपील की है कि केवल उबला या सुरक्षित पानी का सेवन करें। किसी भी प्रकार के डायरिया के लक्षण जैसे दस्त, उल्टी, पेट दर्द होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। खुले या संदिग्ध स्रोतों से पानी पीने से बचें। बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दें।
स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करते हुए आवास एवं शहरी विकास विभाग यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और भविष्य में इस प्रकार के संक्रमणों को रोका जा सके।