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रथयात्रा के दिन बिना अनुमति रथ पर चढ़ने पर होगी गिरफ्तारी

  •  मोबाइल फोन पर भी पूर्ण प्रतिबंध

  •  ओडिशा सरकार ने उठाए सख्त कदम

पुरी। आगामी रथयात्रा के दौरान परंपरा और सुरक्षा को सख्ती से बनाए रखने के लिए ओडिशा सरकार ने कड़े नियमों की घोषणा की है। इन नियमों के तहत जो व्यक्ति सेवायत नहीं है और रथ पर चढ़ने का प्रयास करेगा, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।

राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि इस वर्ष की रथयात्रा के दौरान कोई भी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि रथों पर चढ़ना केवल अधिकृत सेवायतों के लिए मान्य होगा। यदि कोई गैर-सेवायत रथ पर चढ़ने की कोशिश करता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।

रथों पर मोबाइल फोन का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित

मंत्री ने यह भी कहा कि रथों पर सेवायतों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल का प्रयोग न केवल परंपरा की मर्यादा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक है।

पहंडी और घंटुआ सेवा के लिए तय होंगे सेवायतों के नाम

भीड़ और अव्यवस्था को रोकने के लिए इस वर्ष रथयात्रा में पहंडी बीजे और घंटुआ सेवायतों की पूर्व-निर्धारित सूची बनाई जाएगी। यह सूची छत्तीस नियोग से सलाह के बाद तैयार की जाएगी।

कानून मंत्री हरिचंदन ने कहा कि सभी नियोगों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभिन्न सेवाओं के लिए सेवायतों के नाम प्रस्तुत करें। अंतिम सूची को कड़ाई से लागू किया जाएगा।

अनुशासन और सुधार की दिशा में सरकार की पहल

बताया गया है कि यह निर्णय राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत रथयात्रा को व्यवस्थित, अनुशासित और पारंपरिक ढंग से संपन्न कराने का संकल्प लिया गया है।

पिछले कुछ वर्षों में बिना अनुमति रथों पर चढ़ने, भीड़भाड़, और सेवायतों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से जुड़े मामलों ने सुरक्षा चिंताओं और परंपराओं के उल्लंघन को जन्म दिया था। इन घटनाओं पर जनता और मीडिया की तीखी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिली थीं।

सरकार इस बार रथयात्रा की मर्यादा बहाल करने, जनसुरक्षा सुनिश्चित करने और कड़े नियमों के साथ परंपरा का सम्मान बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है।

निगरानी और प्रोटोकॉल को लेकर चर्चा

मंत्री ने संकेत दिया कि इस बार मानकीकृत प्रोटोकॉल लागू करने, रथों तक पहुंच को नियंत्रित करने, और निगरानी तंत्र (सीसीटीवी आदि) लगाने पर भी विचार चल रहा है ताकि कोई भी उल्लंघन समय रहते पकड़ा जा सके।

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