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ओडिशा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिन्दल कृषि सेवा शुरू

  • शालू जिन्दल ने मोबाइल सॉयल टेस्टिंग वैन को दिखायी हरी झंडी

  • 2,000 से अधिक किसानों को प्राकृतिक एवं बाजरे की खेती के लिए मिलेगा सहयोग

  • रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और कृषि उत्पादन को लंबे समय तक लाभकारी बनाना उद्देश्य

अनुगूल। जिन्दल स्टील एंड पावर के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र से तीसरी बार सांसद नवीन जिन्दल के विजन को आगे बढ़ाते हुए जिन्दल फाउंडेशन ने ‘जिन्दल कृषि सेवा’ नामक एक परिवर्तनकारी योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य अनुगूल जिले में रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और कृषि उत्पादन को लंबे समय तक लाभकारी बनाना है।

इस परियोजना की शुरुआत जिन्दल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल ने मोबाइल सॉयल टेस्टिंग वैन को हरी झंडी दिखाकर की। इस अवसर पर 300 से अधिक किसान, सरकारी अधिकारी और कृषि विशेषज्ञ उपस्थित थे।

श्रीमती शालू जिन्दल ने कहा कि जिन्दल कृषि सेवा एक ऐसा मंच है, जो प्राकृतिक खेती, किसानों को प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, प्राकृतिक बीज उपचार, जैविक खाद जैसे कंपोस्टिंग, वर्मी कल्चर, गोबर, गोमूत्र तथा जैव उर्वरक निर्माण की प्रक्रिया और फसल विविधता एवं आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता में हरसंभव सहयोग करेगा।

उन्होंने कहा कि देश के किसान और उनका परिवार हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी हैं इसलिए जिन्दल कृषि सेवा के माध्यम से हम पर्यावरण संतुलन, खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आर्थिक विकास का अपना संकल्प साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह परियोजना नवीन जिन्दल की दूरदृष्टि से प्रेरित है, जिन्होंने हाल ही में संसद में प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे देशभर में मिशन के रूप में अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस योजना के तहत मोबाइल सॉयल टेस्टिंग वैन गांव-गांव जाकर मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करेगी। इसमें मिट्टी में लवणता, नाइट्रोजन- फॉस्फोरस और पोटासियम का अनुपात और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता की जांच प्रमुख रूप से होगी और मात्र एक घंटे में मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड के साथ-साथ प्रत्येक खेत के लिए अनुकूल प्राकृतिक पोषक तत्वों की सिफारिशें उपलब्ध कराई जाएंगी।

प्रारंभिक चरण में यह सेवा अनुगूल जिले के 49 गांवों में शुरू की जाएगी, जिससे किसानों को बेहतर फसल योजना और पोषण प्रबंधन में सहायता मिले।

‘जिन्दल कृषि सेवा’ का उद्देश्य मिट्टी की गुणवत्ता को पुनर्स्थापित करना, मोटे अनाज (मिलेट्स) का प्रचार और किसानों की आजीविका सुधार को प्राथमिकता देना है जिसमें मोबाइल सॉयल टेस्टिंग वैन के माध्यम से मिट्टी का परीक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

श्रीमती शालू जिन्दल ने इस अवसर पर उन महिला किसानों से भी संवाद किया, जो प्राकृतिक खेती, मोटे अनाज का उत्पादन एवं मूल्य वर्धन का कार्य कर रही हैं।

अनुगूल के अनेक ग्राम प्रधानों ने जिन्दल फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई जिन्दल कृषि सेवा की सराहना की है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें देशी गाय पालने की विधि भी सिखाई गई, जो हमारे किसानों के लिए एक आशीर्वाद की तरह है।

संवाददाताओं से बातचीत में श्रीमती शालू जिन्दल ने कहा कि प्राकृतिक खेती की ‘पूर्वजों की ओर चलो’ की सोच के साथ हमें पूरा विश्वास है कि ऐसे किसान जो इसे अपनाएंगे, वे कैंसर, पाचनतंत्र से जुड़ी बीमारियों और स्नायु संबंधी रोगों की रोकथाम में क्रांतिकारी भूमिका निभाएंगे।

‘जिन्दल कृषि सेवा’ कार्यक्रम के पहले चरण में ही अनुगूल जिले के 2,000 से अधिक किसानों को लाभ होगा। जिला प्रशासन और राज्य सरकार के सहयोग से इसका विस्तार पूरे जिले में किया जाएगा।

श्रीमती जिन्दल ने कहा कि हम ओडिशा के कोने-कोने तक इस सेवा को पहुंचाना चाहते हैं, जिस कार्य में प्राकृतिक खेती करने वाले हमारे किसान ही प्रेरणा के स्रोत के रूप में कार्य करेंगे।

महिला किसानों से बात करते हुए उन्होंने ड्रमस्टिक (सहजन) और उसके पत्तों को भोजन में शामिल करने पर जोर दिया।

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