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ओडिशा में डायरिया और हैजा से गंभीर स्वास्थ्य संकट

  • अब तक 11 मौतें और 600 से अधिक लोग प्रभावित

  • जाजपुर से शुरू हुआ संकट, तेजी से बिगड़े हालात

  • अब भद्रक और केंदुझर में भी फैला संक्रमण

  • सरकार ने चलाया आपातकालीन अभियान

  •  हैजा, डायरिया, मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए कसी कमर

भुवनेश्वर। ओडिशा इस समय एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। जाजपुर जिले से शुरू हुआ डायरिया और हैजा का प्रकोप अब तक कम से कम 11 लोगों की जान ले चुका है और 600 से अधिक लोगों को प्रभावित कर चुका है। हालांकि आधिकारिक तौर इस आंकड़े की पुष्टि नहीं हुई है। राज्य सरकार ने संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आपातकालीन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

संकट की शुरुआत सोमवार को जाजपुर जिले के दानागड़ी और धर्मशाला ब्लॉक में डायरिया के मामलों में अचानक वृद्धि के साथ हुई। गुरुवार तक 2 लोगों की मौत और 500 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके थे। मरीजों में गंभीर डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) जैसे लक्षण दिखे, जिसके चलते कई को कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।

शुक्रवार तक मौतों की संख्या बढ़कर चार हो गई और संक्रमितों की संख्या 600 से अधिक हो गई। कोरई, बाड़ी और जाजपुर रोड जैसे क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। जिला प्रशासन ने डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग, प्राथमिक उपचार और निगरानी के लिए विशेष मेडिकल टीमें तैनात की हैं।

हैजा की पुष्टि, मौतों की संख्या 11 तक पहुंची

शुक्रवार को ओडिशा सरकार ने पुष्टि की कि प्रभावित क्षेत्रों से लिए गए सैंपलों में वाइब्रियो कॉलरा बैक्टीरिया की उपस्थिति पाई गई है, जो हैजा फैलाता है। 41 नमूनों में से 8 में हैजा की पुष्टि हुई।

हालांकि आधिकारिक आंकड़ों में मौतों की संख्या आठ बताई गई है, मगर स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह आंकड़ा 11 तक पहुंच चुका है। 600 से अधिक लोग संक्रमित हैं और 300 से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। गंभीर हालत वाले लगभग 30 मरीजों को कटक भेजा गया है। हालांकि मरीजों की संख्या में आंशिक गिरावट देखी गई है, जिससे स्थिति पर नियंत्रण की उम्मीद बनी है।

भद्रक और केंदुझर में भी दस्तक

जाजपुर में संक्रमण पर काबू पाने की कोशिश जारी थी, तभी संक्रमण भद्रक और केंदुझर जिलों में भी फैल गया। भद्रक के भंडारीपोखरी और केंदुझर के आनंदपुर ब्लॉक में डायरिया के कई मामले सामने आए। भद्रक में भी हैजा के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं, जिससे सरकार की चिंता और बढ़ गई है।

दूषित पेयजल संक्रमण का मुख्य कारण

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ नीलकंठ मिश्रा ने बताया कि दूषित पेयजल संक्रमण का मुख्य कारण प्रतीत हो रहा है। इसके चलते सभी प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जल स्रोतों की सफाई और कीटाणुशोधन अभियान चलाया जा रहा है।

राजा पर्व पर सरकारी छुट्टियां रद्द

राज्य सरकार ने जाजपुर जिले में 14 से 16 जून तक मनाए जाने वाले राजा पर्व के दौरान सभी सरकारी कार्यालयों को खुले रखने का निर्देश दिया है। साथ ही सभी सरकारी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं ताकि वे आपातकालीन सेवाओं में सहायता कर सकें।

राज्यभर में अलर्ट

मुख्य सचिव मनोज आहूजा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य, पंचायतीराज और जल आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में सिर्फ हैजा और डायरिया ही नहीं, बल्कि मलेरिया, डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों को लेकर भी रणनीति बनाई गई।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि 10 दिनों के भीतर सभी जलस्रोतों की सफाई की जाए, हर घर में जागरूकता अभियान चलाया जाए, अस्पतालों में दवाइयों, ओआरएस और स्लाइन का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया जाए, सभी जिलों के कलेक्टर और सीडीएमओ हालात पर कड़ी नजर रखें और नियमित रिपोर्ट दें। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पूरे राज्य में जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए विशेष जन-जागरूकता अभियान की घोषणा की है।

हर जिले में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित होंगे

मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में 24×7 नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) स्थापित करें, जहां मानसून जनित बीमारियों की सर्वेक्षण, उपचार और प्रबंधन की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जा सके।

रज पर्व के दौरान जाजपुर में सामूहिक भोज पर प्रतिबंध

ओडिशा के जाजपुर ज़िले में रज पर्व की धूम के बीच हैजा के मामले सामने आने के बाद ज़िला प्रशासन ने सामूहिक भोज पर प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार को यह फैसला तब लिया गया जब 41 सैंपलों में से 8 में हैजा की पुष्टि हुई। प्रशासन ने संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाए हैं। फिलहाल, जाजपुर और कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज में विशेष मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, एक राज्य स्तरीय विशेषज्ञ दल भी प्रभावित इलाकों में कैंप कर रहा है ताकि स्थानीय स्वास्थ्य प्रणाली को सहयोग मिल सके।

सरकार की अपील: सतर्क रहें, उबला पानी पिएं

राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सिर्फ उबला या क्लोरीन युक्त पानी पिएं, खुले में शौच से बचें और दस्त, उल्टी या बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

अगले 10 दिन बेहद अहम

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आगामी 10 दिन इस संकट को नियंत्रित करने के लिए निर्णायक साबित होंगे। यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो मानसून के साथ यह संक्रमण और अधिक विकराल रूप ले सकता है।

वर्ष 2023 में राउरकेला में हुई थी 13 लोगों की मौत

यह संकट ओडिशा में बार-बार होने वाले स्वास्थ्य संकटों की याद दिलाता है। वर्ष 2023 में राउरकेला में हैजा से 13 लोगों की मौत हुई थी और 1,000 से ज्यादा संक्रमित हुए थे। 2022 में रायगड़ा में 8 मौतें दर्ज हुई थीं। विशेषज्ञों ने बार-बार चेतावनी दी है कि स्वच्छ पेयजल की कमी, खराब सैनिटेशन व्यवस्था और समय पर चिकित्सा सुविधा न मिल पाना ऐसे संकटों के मुख्य कारण हैं और ये स्थितियां आज भी राज्य के कई जिलों में बनी हुई हैं।

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