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सुंदरगढ़ में आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ जवान शहीद

  • माओवादियों के खिलाफ बीते तीन हफ्तों से चल रहा था तलाशी अभियान

राउरकेला। ओडिशा के माओवादी प्रभावित सुंदरगढ़ जिले में शनिवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के एक जवान शहीद हो गए। यह घटना कुरी पहाड़ी क्षेत्र के बांको पत्थर की खदान के पास हुई, जहां सुरक्षाबल तलाशी अभियान चला रहे थे। अचानक हुए एक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे राउरकेला के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

शहीद जवान की पहचान 34 वर्षीय सत्यवन सिंह के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के किशनगढ़ के रहने वाले थे और सीआरपीएफ की 134वीं बटालियन में तैनात थे। यह हादसा उस समय हुआ जब सीआरपीएफ और विशेष अभियान समूह (एसओजी) के जवान संयुक्त तलाशी अभियान के तहत इलाके में सघन सर्च ऑपरेशन चला रहे थे।

माओवादियों ने बिछाई थी आईईडी

सूत्रों के अनुसार, माओवादियों द्वारा पहले से बिछाई गई आईईडी अचानक ब्लास्ट कर गई। विस्फोट इतना तीव्र था कि सत्यवन सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत रेस्क्यू कर राउरकेला के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

विस्फोटक लूट की घटना से जुड़ी है यह कार्रवाई

यह इलाका पहले से ही सुरक्षा बलों की नजर में था। करीब तीन सप्ताह पहले माओवादियों ने इसी बांको स्टोन क्वारी से लगभग पांच टन विस्फोटक सामग्री लूट ली थी। इस बड़ी घटना के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।

अब तक सुरक्षा बलों ने लूटी गई विस्फोटकों में से लगभग चार टन सामग्री बरामद कर ली है। शनिवार का यह विस्फोट उस समय हुआ जब शेष विस्फोटकों की खोज जारी थी। संदेह है कि यह विस्फोट या तो उसी लूटी गई सामग्री से किया गया या माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए पहले से बिछाया गया जाल था।

इलाके में हाई अलर्ट, वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे

घटना के बाद सुंदरगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। इलाके को पूरी तरह से घेर लिया गया है और तलाशी अभियान और तेज कर दिया गया है। बम निरोधक दस्ता और स्निफर डॉग यूनिट को भी तैनात किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि और आईईडी आसपास न बिछाई गई हो।

आसपास के गांवों और जंगलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

नक्सली खतरे की फिर पुष्टि

यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि ओडिशा के खनिज समृद्ध और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में माओवादी खतरा अभी भी गंभीर बना हुआ है। विशेष रूप से सुंदरगढ़ जैसे जिले, जहां माओवादियों की गुप्त गतिविधियां और हथियारों की तस्करी की आशंका लगातार बनी रहती है।

शहीद जवान सत्यवन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक क्षेत्र को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं कर लिया जाता।

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