-
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की घोषणा
भुवनेश्वर। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आने वाले दिनों में सभी भारतीय भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी। मोदी सरकार शिक्षा व्यवस्था को मातृभाषा आधारित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझावों के अनुसार सरकार अब स्कूल आने वाले बच्चों को कम से कम 12वीं तक पढ़ाने और उनके कौशल विकास की भी व्यवस्था कर रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कटक जिले के गतिराउतपाटना स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में विद्या भारती और शिक्षा विकास समिति द्वारा आयोजित “प्रादेशिक प्रधानाचार्य सम्मेलन” के समापन समारोह में बोल रहे थे।
इस दौरान प्रधान ने यह भी बताया कि भविष्य में चैटजीपीटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उपकरणों पर विशेष जोर दिया जाएगा और ज्ञान के विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जोड़ा जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की योजना
उन्होंने कहा कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे टूल्स अत्यंत प्रभावशाली बन चुके हैं। भारत के छात्रों और शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित करने का उचित समय आ चुका है।
वर्तमान बजट में 500 करोड़ रुपये की लागत से शिक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की योजना बनाई गई है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा पर विशेष बल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग भारत के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पाठ्यक्रम से बेहतर ढंग से जोड़ने और शिक्षकों को कला, साहित्य, ज्ञान और आधुनिक विज्ञान से जोड़ने में किया जाएगा। राज्यों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान भी संभव हो सके, इसके लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। इसलिए सरकार स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा पर विशेष बल दे रही है।