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मालकानगिरि के पूर्व जिलाधिकारी मनीष अग्रवाल को मिली सशर्त जमानत

  • दो जमानतदारों के माध्यम से 50-50 हजार रुपये की सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश

  • देव नारायण पंडा आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत

मालकानगिरि। ओडिशा के चर्चित देव नारायण पंडा आत्महत्या प्रकरण में नामजद पूर्व जिलाधिकारी और आईएएस अधिकारी मनीष अग्रवाल को आज मालकानगिरि की एसडीजेएम अदालत से बड़ी राहत मिली। अदालत ने उन्हें दो जमानतदारों के माध्यम से 50-50 हजार रुपये की सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

यह जमानत आदेश उस समय आया, जब मनीष अग्रवाल सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एसडीजेएम न्यायालय में स्वयं उपस्थित हुए। इससे पूर्व ओडिशा हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

रहस्यमयी मौत और गंभीर आरोप

गौरतलब है कि देव नारायण पंडा, जो मनीष अग्रवाल के निजी सहायक (स्टेनोग्राफर) के रूप में तैनात थे, 27 मई 2019 को रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे। कुछ दिनों बाद उनका शव मालकानगिरि के सत्तीगुड़ा डैम के पास मिला। इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी।

परिजनों ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी

पंडा के परिजनों ने तत्कालीन जिलाधिकारी मनीष अग्रवाल समेत तीन अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। परिवार का आरोप था कि इन अधिकारियों ने पंडा को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाया। मामला अभी भी गंभीर कानूनी पड़ताल के दायरे में है और आगे की सुनवाई में कई अहम पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है।

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