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राज्य में औद्योगिक विकास की दिशा में हुए प्रयासों और आगामी कार्ययोजनाओं पर चर्चा की
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार के पहले कार्यकाल की वर्षगांठ से पहले मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज राज्य के प्रमुख उद्योगपतियों, एमएसएमई उद्यमियों, महिला उद्यमियों और स्टार्टअप क्षेत्र के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में औद्योगिक विकास की दिशा में हुए प्रयासों और आगामी कार्ययोजनाओं पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में भागीदार बनने के लिए सभी उद्योग जगत के नेताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि ओडिशा अब औद्योगीकरण का केंद्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य फोकस रोजगार सृजन और युवाओं को अधिक अवसर देने पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल पहले ओडिशा की जनता ने हम पर एक समावेशी, आकांक्षी और परिवर्तनकारी भविष्य की जिम्मेदारी सौंपी थी। आज, एक साल बाद, हम इस सफर को गर्व के साथ देख रहे हैं। उत्कर्ष ओडिशा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने निवेशकों का भरोसा और बढ़ाया। इस दौरान 150 से अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जिनसे 16.7 लाख करोड़ के निवेश और 12.9 लाख रोजगार की संभावना बनी।
एक वर्ष में 206 बड़े निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिली
उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष में 206 बड़े निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिली, जिनका कुल मूल्य 4.5 लाख करोड़ से अधिक है और जिनसे लगभग 2.9 लाख नौकरियां सृजित होंगी।
उत्कर्ष ओडिशा के बाद अब तक 56 परियोजनाएं जमीन पर उतारीं
उत्कर्ष ओडिशा के बाद अब तक 56 परियोजनाएं ज़मीन पर उतारी जा चुकी हैं, जिनमें 1.78 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है और 1.1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर बने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रगति केवल गति नहीं, बल्कि दायरा और गुणवत्ता दोनों को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि ओडिशा का औद्योगिक विकास अब खनिज और धातु क्षेत्र से आगे बढ़कर, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण जैसे विविध क्षेत्रों तक फैल चुका है।
अगला साल चार प्रमुख प्राथमिकताओं पर होगा केंद्रित
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगला साल चार प्रमुख प्राथमिकताओं पर केंद्रित होगा। पहला नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए नई औद्योगिक नीतियां, भविष्य की मांग को देखते हुए भूमि बैंक और औद्योगिक अवसंरचना का विस्तार,सिंगल विंडो सिस्टम का आधुनिकीकरण और परियोजना निगरानी प्रणाली का निर्माण, अनावश्यक नियमों को हटाकर सरलीकरण और गति सुनिश्चित करना।
चार साल “समृद्ध ओडिशा 2036” की नींव रखेंगे
माझी ने कहा कि आने वाले चार साल “समृद्ध ओडिशा 2036” की नींव रखेंगे। खनिज, धातु और हरित रसायनों के क्षेत्र में ओडिशा को राष्ट्रीय नेतृत्व दिलाने के लिए आईओसीएल, जेएसडब्लू, टाटा स्टील, एएमएनएस वेदांत, हिंडालको, अडानी जैसे प्रमुख निवेशकों का सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही, पारादीप-धामरा-गोपालपुर खंड में बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण को भी मजबूत किया जा रहा है।
इस अवसर पर एमएसएमई और मत्स्य पालन मंत्री गोकुलानंद मल्लिक, उद्योग एवं कौशल विकास मंत्री सम्पद चंद्र स्वाईं, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव अनु गर्ग, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव हेमंत कुमार शर्मा और निदेशक प्रशांत कुमार रेड्डी भी उपस्थित थे।