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रेपो रेट में 0.50% की कटौती का क्रेडाई ओडिशा ने किया स्वागत

  • रीयल एस्टेट क्षेत्र को मिलेगा बूस्ट

  • उपभोग आधारित उद्योगों में भी मांग बढ़ेगी

  •  निजी निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन

  • आर्थिक गतिविधियां पूरे वित्त वर्ष 2025-26 में होंगी तेज

भुवनेश्वर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती कर इसे 5.50% करने के फैसले का क्रेडाई ओडिशा ने स्वागत किया है। क्रेडाई ओडिशा के अध्यक्ष स्वदेश कुमार राउतराय ने इसे साहसिक और विकासोन्मुखी कदम बताया है, जो देश की आर्थिक रफ्तार को गति देने में सहायक होगा। यह लगातार तीसरी कटौती है, जो आरबीआई की सक्रिय और दूरदर्शी रणनीति को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर घटकर 3.2% हो गई है, जो पिछले चार वर्षों का न्यूनतम स्तर है और आरबीआई के 4% लक्ष्य से भी नीचे है। इस स्थिति ने रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश को मजबूत किया। इससे भारत की मजबूत आर्थिक बुनियादों और सकारात्मक दृष्टिकोण की पुष्टि होती है।

भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और ऐसे समय में ब्याज दर में यह कटौती महत्वपूर्ण मानी जा रही है। रीयल एस्टेट क्षेत्र में मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी मांग तेजी से बढ़ रही है। ब्याज दर घटने से होम लोन की ईएमआई कम होगी, जिससे मध्यम वर्ग और किफायती आवास श्रेणी के लिए घर खरीदना अधिक सुलभ हो जाएगा। इससे पहली बार घर खरीदने वालों के बीच आत्मविश्वास बढ़ेगा और बाजार में नई ऊर्जा आएगी।

क्रेडाई ओडिशा ने कहा कि इस फैसले का असर केवल रीयल एस्टेट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे उपभोग आधारित उद्योगों में भी मांग बढ़ेगी, निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और आर्थिक गतिविधियां पूरे वित्त वर्ष 2025-26 में तेज होंगी।

निर्णय रणनीतिक और स्वागतयोग्य हस्तक्षेप

मानसून का पूर्वानुमान भी सकारात्मक है, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कृषि उत्पादन, आय और खपत में वृद्धि होने की उम्मीद है। पिछले छह महीनों में कुल 100 आधार अंकों की कटौती के साथ, क्रेडाई ने इस निर्णय को “रणनीतिक और स्वागतयोग्य हस्तक्षेप” करार दिया है।

परियोजनाओं की व्यवहार्यता बढ़ेगी

किफायती आवास क्षेत्र, जो अक्सर वित्तीय दबाव में रहता है, इस फैसले से सबसे अधिक लाभान्वित होगा। इससे परियोजनाओं की व्यवहार्यता बढ़ेगी और बड़े पैमाने पर लोगों के लिए घर का सपना साकार हो सकेगा।

भारत का रीयल एस्टेट क्षेत्र 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह

क्रेडाई ओडिशा ने इसे 8% जीडीपी वृद्धि के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। भारत का रीयल एस्टेट क्षेत्र वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है, जो देश को $8 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

क्रेडाई ओडिशा ने सरकार और नीतिगत संस्थानों के साथ मिलकर इस विकास को समावेशी, सतत और समाज के सभी वर्गों के लिए परिवर्तनकारी बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

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