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जोखिम भरे ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने दिखाई वीरता
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5 टन विस्फोटक में से 4.3 टन बरामद
भुवनेश्वर/ राउरकेला। ओडिशा-झारखंड सीमा पर माओवादियों द्वारा लूटी गई भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री को सुरक्षाबलों ने जोखिम भरे ऑपरेशन के जरिए बरामद कर लिया है। इस साहसिक अभियान का ड्रोन और बॉडीकैम से रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो अब सामने आया है, जिसमें सुरक्षाकर्मी घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ी रास्तों से गुजरते हुए छिपाए गए विस्फोटकों की तलाश करते नजर आ रहे हैं।
सुरक्षाबलों ने बताया कि यह 5 टन विस्फोटक सामग्री माओवादियों द्वारा खनन क्षेत्र से लूटी गई थी, जिसे जंगलों में जमीन के भीतर और चट्टानों की दरारों में छिपा दिया गया था। झारखंड के जरीकेला थाना अंतर्गत तिरिलपोषा क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त सर्च ऑपरेशन के दौरान 4,300 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए हैं।
ऑपरेशन में शामिल थीं देश की सबसे खास यूनिट्स
इस अभियान में सीआरपीएफ की 209 कोबरा बटालियन, डीवीएफ, झारखंड जैगुआर, एसओजी जैसी विशेष बलों की टीमें शामिल थीं। ऑपरेशन के वीडियो में सुरक्षाबलों को भारी जोखिम उठाते हुए, बंकरनुमा क्षेत्रों में खुदाई करते और विस्फोटक सामग्री बाहर निकालते देखा जा सकता है।
केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंपी है जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, बरामद किए गए ये विस्फोटक बड़े हमलों को अंजाम देने के उद्देश्य से छिपाए गए थे। समय रहते इनकी बरामदगी से एक बड़ी साजिश को नाकाम किया गया है।
ऑपरेशन से मिली बड़ी कामयाबी, लेकिन खतरा अभी बाकी
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अब भी जंगलों में विस्फोटक सामग्री के अन्य भंडार छिपे हो सकते हैं। इसलिए क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन और निगरानी को और तेज कर दिया गया है। साथ ही, आसपास के संवेदनशील इलाकों में अलर्ट स्तर को भी बढ़ा दिया गया है। यह ऑपरेशन माओवाद प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना इस बात की गवाही देती है कि सुरक्षा बल न केवल सजग हैं, बल्कि किसी भी स्थिति में देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने को तैयार हैं। बरामदगी और वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद राज्य और केंद्र स्तर पर माओवादी गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जा रही है।