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सुंदरगढ़ विस्फोटक लूट कांड की गुत्थी लगभग सुलझी

  • नक्सली अनमोल उर्फ लालचंद हेम्ब्रम है मास्टरमाइंड

  • झारखंड और ओडिशा में कुल 35 लाख का है इनामी

  • अब तक 3.8 टन विस्फोटक बरामद, सुरक्षाबलों का साझा अभियान जारी

भुवनेश्वर/राउरकेला। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में 27 मई को हुई पांच टन विस्फोटकों की सनसनीखेज लूट की गुत्थी अब लगभग सुलझ चुकी है। प्रारंभिक जांच में इस कांड के पीछे वामपंथी उग्रवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के कुख्यात नेता अनमोल उर्फ लालचंद हेम्ब्रम का हाथ होने की पुष्टि हुई है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने बताया कि अब तक लूटे गए विस्फोटकों में से लगभग 3.8 टन (75 प्रतिशत) सामग्री बरामद कर ली गई है। इस बड़ी कार्रवाई में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसकी अगुवाई एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं।

झारखंड का कुख्यात नक्सली अनमोल

अनमोल झारखंड के इटवाबेड़ा जरवा गांव का रहने वाला है और पहले बिहार-झारखंड-ओडिशा क्षेत्र में सक्रिय था। वह संबलपुर-देवगढ़-सुंदरगढ़ डिविजन का प्रभारी रह चुका है और 2018-19 तक सुरक्षा बलों पर कई हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। उस पर झारखंड में 15 लाख और ओडिशा में 20 लाख रुपये का इनाम घोषित है।

नक्सलियों की हताशा का संकेत

सूत्रों के अनुसार, यह लूटपाट नक्सलियों की हताशा को दर्शाती है। ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में जारी सुरक्षा बलों के अभियानों के बाद अब उनका ध्यान झारखंड के सारंडा जंगल की ओर शिफ्ट हो सकता है। इससे पहले ही नक्सली खुद को मज़बूत करना चाहते थे।

10 वर्षों से शांत सुंदरगढ़ में नक्सली दस्तक

गौरतलब है कि सुंदरगढ़ जिला पिछले 10 वर्षों से नक्सली हिंसा से मुक्त रहा है और पिछले वर्ष ही इसे केंद्र सरकार की नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सूची और सुरक्षा व्यय योजना (एसआरई) से बाहर कर दिया गया था।

27 मई की रात हुई घटना

इस घटना में 25 से 30 नक्सलियों की एक सशस्त्र टोली ने सुंदरगढ़ जिले के के. बालांग क्षेत्र के बांको पत्थर खदान से विस्फोटकों से लदा ट्रक अगवा कर लिया था। इस ट्रक में लगभग पांच टन जिलेटिन छड़ें थीं। नक्सली इन विस्फोटकों का उपयोग विध्वंसक गतिविधियों के लिए कर सकते थे। घटना स्थल झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जैसे माओवादी सक्रिय इलाकों के करीब है, जिससे आशंका जताई गई कि नक्सली सीमा पार से घुसे थे।

साझा अभियान जारी

ओडिशा पुलिस, झारखंड पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीमों द्वारा जंगलों में तलाशी अभियान जारी है। पुलिस ने बताया कि इस लूट में शामिल माओवादियों की पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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