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विश्व पर्यावरण दिवस पर 7.5 करोड़ पौधे लगाने की घोषणा

  • मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई

  • टिकाऊ और हरा-भरा पर्यावरण बनाने को अनिवार्य बताया

भुवनेश्वर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने घोषणा की कि राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में 7.5 करोड़ पौधे लगाएगी। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

ओडिशा कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय के कृषि शिक्षा सदन में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर हरित पर्यावरण बनाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह दिन पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। टिकाऊ और हरा-भरा पर्यावरण बनाना अब कोई विकल्प नहीं रहा—यह अनिवार्य हो गया है।

सिंगल-यूज प्लास्टिक बंद करने पर बल

मुख्यमंत्री ने सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्हें इसे जलवायु, जैव विविधता और प्रदूषण प्रबंधन के लिए एक बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है, लेकिन इसकी अति-उपयोग से कई संकट उत्पन्न हो रहे हैं। हमें प्लास्टिक उन्मूलन अभियान को जनआंदोलन में बदलना होगा।

क्लीन एयर प्रोग्राम लागू

उन्होंने बताया कि राज्य में घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से राज्य क्लीन एयर प्रोग्राम लागू किया जा चुका है, जिसमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहयोग प्रदान कर रहा है। राज्य सरकार लंबी अवधि के प्लास्टिक विकल्पों को बढ़ावा दे रही है और कचरा प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत कर रही है।

अब तक 6 करोड़ से अधिक पौधे लगे

‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की सफलता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पहल के तहत अब तक 6 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से ओडिशा ने वनों और वृक्ष आवरण में कुल 560 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की है, जो देश में चौथे स्थान पर है। माझी ने यह भी कहा कि व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा 2 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं, जो सामुदायिक भागीदारी का एक नया मानदंड स्थापित करता है।

‘आम सिमिलिपाल’ नामक नई पहल की घोषणा

साथ ही उन्होंने सिमिलिपाल को भारत का 107वां राष्ट्रीय उद्यान मान्यता मिलने की सराहना की और ‘आम सिमिलिपाल’ नामक नई पहल की घोषणा की, जिसके माध्यम से राज्य सरकार वन्यजीव और जैव विविधता संरक्षण के लिए 50 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

‘प्रकृति मित्र’ और ‘प्रकृति बंधु’ पुरस्कार विजेता सम्मानित

प्रदेशभर में पर्यावरण रक्षक ‘प्रकृति मित्र’ और ‘प्रकृति बंधु’ पुरस्कार विजेताओं का सम्मान भी कार्यक्रम में किया गया। मुख्यमंत्री ने कुल 185 “प्रकृति मित्र” और 211 “प्रकृति बंधु” पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। अंत में उन्होंने “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्ति” पर आधारित राज्यस्तरीय इको-मॉडल प्रदर्शनी के प्रतिभागियों और विजेताओं को शुभकामनाएं दीं और सर्वश्रेष्ठ इको-क्लब एवं शिक्षकों की सराहना की।

स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण के लिए प्रतिज्ञा लें

मुख्यमंत्री ने नागरिकों से स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण के निर्माण के लिए प्रतिज्ञा लेने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर से होनी चाहिए। एक स्वस्थ समाज के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण अनिवार्य है। आज ही प्लास्टिक प्रदूषण समाप्ति के लिए संकल्प लें और टिकाऊ भविष्य की दिशा में मिलकर कार्य करें।

कार्यक्रम में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री गणेश राम सिंह खुन्टिया और मुख्य सचिव मनोज आहूजा भी उपस्थित थे। समारोह के दौरान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत एक प्रतीकात्मक पौधरोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

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