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पूर्व बीजद सांसद पिनाकी मिश्र और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने जर्मनी में की शादी

  • राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी अंतरदलीय जोड़ी

  • दोनों ने अब तक सार्वजनिक पुष्टि नहीं की

भुवनेश्वर। ओडिशा के पूर्व बीजू जनता दल (बीजद) सांसद पिनाकी मिश्र और पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने जर्मनी में विवाह कर लिया है।

हालांकि इस विवाह की कोई आधिकारिक पुष्टि न तो महुआ मोइत्रा ने की है और न ही पिनाकी मिश्र ने, लेकिन कई सूत्रों ने जर्मनी में शादी की खबर की पुष्टि की है। दोनों नेताओं के रिश्ते की अटकलें 2023 के कैश फॉर क्वेरी विवाद के दौरान सार्वजनिक रूप से सामने आई थीं, जब भाजपा ने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा और पिनाकी मिश्र के बीच करीबी संबंध हैं।

उस दौरान कारोबारी दर्शन हीरानंदनी के हलफनामे के आधार पर भाजपा ने आरोप लगाया था कि पिनाकी मिश्र महुआ के व्यक्तिगत और राजनीतिक मामलों में भूमिका निभा रहे थे। हालांकि, पिनाकी मिश्र ने इन आरोपों को “दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियाद” बताते हुए खारिज कर दिया था और मानहानि का मामला दर्ज करने की चेतावनी दी थी।

कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं महुआ

महुआ मोइत्रा असम के लाबाक में 12 अक्टूबर 1974 को जन्मी थीं। एक सफल निवेश बैंकर से राजनीति में कदम रखने वाली महुआ ने शुरुआत में कांग्रेस पार्टी के साथ काम किया और 2010 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं। 2016 से 2019 तक वह पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य रहीं और 2019 में कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनीं।

अपने तेज-तर्रार भाषणों के लिए चर्चित महुआ मोइत्रा को संसद में “फासीवाद के शुरुआती संकेत” पर दिए गए भाषण से राष्ट्रीय पहचान मिली। हालांकि, दिसंबर 2023 में कैश फॉर क्वेरी विवाद के चलते उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बावजूद 2024 के आम चुनाव में उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की।

पुरी से 2009 से 2024 तक सांसद रहे हैं पिनाकी

पिनाकी मिश्र का जन्म 23 अक्टूबर 1959 को ओडिशा के पुरी में हुआ था। पेशे से वरिष्ठ अधिवक्ता रहे मिश्र 1996 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। बाद में उन्होंने बीजद का दामन थामा और 2009 से 2024 तक लगातार पुरी से सांसद रहे। सुप्रीम कोर्ट और कई हाई कोर्ट में उनकी पहचान एक सफल वकील के रूप में भी रही है।

राजनीतिक से परे एक निजी फैसला

दोनों नेताओं के इस विवाह को केवल एक निजी निर्णय मानना मुश्किल है, क्योंकि यह ऐसे समय में हुआ है जब दोनों की राजनीतिक यात्रा और व्यक्तिगत जीवन कई चर्चाओं और विवादों का केंद्र रहे हैं। खास बात यह भी है कि यह संबंध दो विरोधी दलों बीजद और टीएमसी के नेताओं के बीच है, जो राजनीतिक रूप से एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं।

हालांकि यह शादी अभी तक सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं की गई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह बड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह व्यक्तिगत निर्णय आने वाले समय में उनकी सार्वजनिक और राजनीतिक छवि को किस प्रकार प्रभावित करता है।

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