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कोरापुट अस्पताल में गलत इंजेक्शन से पांच मरीजों की मौत

  • आधी रात को एक के बाद एक मरीज ने तोड़ा दम

  • लापरवाही के आरोपों से मचा हड़कंप

  • मरीजों को अस्पताल स्टाफ द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप

कोरापुट। कोरापुट के शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मंगलवार रात एक के बाद एक पांच गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इन मरीजों को अस्पताल स्टाफ द्वारा गलत इंजेक्शन लगाया गया था, जिसके कारण उनकी हालत तेजी से बिगड़ी और कुछ ही घंटों में उन्होंने दम तोड़ दिया।

मृतक मरीजों में से कोई कोरापुट, बोरिगुमा, सेमिलीगुड़ा, मालकानगिरि और कलाहांडी से आए थे। सभी को या तो आईसीयू में भर्ती किया गया था या फिर सर्जरी के बाद की निगरानी के लिए सर्जिकल वार्ड में रखा गया था।

परिजनों के अनुसार, मंगलवार रात लगभग 11 बजे, तीन मरीजों की आईसीयू में और दो अन्य की सर्जिकल वार्ड में अचानक मृत्यु हो गई। इससे ठीक पहले, नर्सिंग स्टाफ द्वारा इन मरीजों को दूसरी बार इंजेक्शन दिए गए थे।

आईसीयू में मरने वाले तीन मरीजों में भगवान परजा, सुकरू माझी और रुकुनी पेंटिया शामिल हैं। वार्ड में मरने वाले दो मरीजों की पहचान बाती खरा और फूलमती माझी के रूप में हुई है।

इंजेक्शन के कुछ ही मिनटों के भीतर हालत बिगड़ी

मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मरीज ऑपरेशन के बाद स्थिर थे, लेकिन इंजेक्शन दिए जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर उनकी हालत बिगड़ गई।

एक मृतक की बहन के रिश्तेदार ने बताया कि रात को एक नर्स आई और बाईं ओर के तीन मरीजों को इंजेक्शन लगाने के बाद मेरी बहन को भी वही इंजेक्शन दिया। कुछ ही मिनटों में उसकी हालत बिगड़ गई और जब तक डॉक्टर पहुंचे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

इंजेक्शन गलत दवा या गलत खुराक में दिए गए

परिजनों का कहना है कि इंजेक्शन गलत दवा या गलत खुराक में दिए गए होंगे, क्योंकि सभी मृतक मरीजों में समान लक्षण, जैसे अचानक कांपना, बेहोशी और फिर मृत्यु देखने को मिले।

पुलिस ने शुरू की जांच और शवों का पोस्टमॉर्टम

घटना के बाद अस्पताल परिसर में तनाव फैल गया। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए कोरापुट टाउन पुलिस को अस्पताल बुलाया गया। पुलिस ने सभी पांच शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है ताकि मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि की जा सके।

अस्पताल प्रशासन मौन, जनता में आक्रोश

इतनी बड़ी त्रासदी के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। न तो मौत के कारणों पर स्पष्टता दी गई है और न ही लापरवाही की शिकायतों पर कोई प्रतिक्रिया दी गई है। इस चुप्पी ने जनता में रोष और बढ़ा दिया है।

जांच की मांग

फिलहाल सभी मृतकों के परिजन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उधर, स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन और राज्य स्वास्थ्य विभाग से इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

जांच के लिए गठित होगी समिति – जिलाधिकारी

पांच मरीजों की मौत की खबर पर चिंता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी वी कीर्ति वासन ने मौत के कारणों की जांच करने और घटना के आसपास की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की है। उन्होंने मीडिया को बताया कि अस्पताल में हाल ही में हुई पांच मरीजों की मौत की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की जाएगी। मृतकों में एक कैंसर रोगी, एक दुर्घटना पीड़ित और दो व्यक्ति शामिल हैं, जिन्हें चाकू घोंपने की घटना के बाद भर्ती कराया गया था। हालांकि चिकित्सा लापरवाही की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन समिति विशेष रूप से उन आरोपों की जांच करेगी कि दोषपूर्ण इंजेक्शन के कारण मौतें हुई हैं। जिन मरीजों की मौत हुई, उनका इलाज सर्जरी आईसीयू और वार्ड में चल रहा था। हालांकि, मृतक मरीजों के परिवारों ने आरोप लगाया है कि आईसीयू में सर्जरी के बाद मरीज स्थिर थे। हालांकि, रात की ड्यूटी पर मौजूद एक कर्मचारी ने दो बार कुछ इंजेक्शन लगाए और 15 मिनट के भीतर आईसीयू में तीन मरीजों की मौत हो गई।

जिला अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक परिवार को जिला रेड क्रॉस कोष से 10,000 रुपये का चेक दिया गया। कांग्रेस विधायक दल के नेता राम चंद्र कदम ने मृतकों के परिवारों के लिए 25-25 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है।

अस्पताल के अधीक्षक ने दी सफाई

अस्पताल के अधीक्षक सुशांत कुमार साहू ने बताया कि मामले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। मंगलवार रात जिन मरीजों की मौत हुई, वे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती थे। प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता कि मौत किसी गलत टीके के कारण हुई। हालांकि, हम आरोपों की जांच करेंगे। आईसीयू में भर्ती मरीजों की हालत गंभीर थी और उन्हें गिरते रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए टीका दिया गया था। उन्होंने कहा कि पांच मृतक मरीजों में से दो के पेट में चोट थी, जबकि एक अन्य के लीवर में छेद था। हमें संदेह है कि उनकी मौत रक्तस्राव और सेप्टीसीमिया के कारण हुई है। चौथे मरीज का चौथे चरण के कैंसर का उपचार किया जा रहा था और पांचवां मरीज दुर्घटना का शिकार हुआ था, जिसे जयपुर से रेफर किया गया था।’

डीएमईटी ने भी दिए जांच के आदेश

चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशक (डीएमईटी) संतोष मिश्र ने भी आरोपों की जांच के अलग से आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के तीन और कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के दो चिकित्सकों वाली पांच सदस्यीय टीम आरोपों की जांच करेगी। मिश्र ने कहा कि टीम को गुरुवार तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

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