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मुख्यमंत्री ने राजस्व अधिकारियों को पढ़ाया सुशासन का पाठ

  • तहसीलदार को राज्य प्रशासन की जमीनी स्तर पर रीढ़ की हड्डी बताया

  • कहा-राजस्व विभाग पारदर्शी और सुशासन का दर्पण

  • किसी भी स्थिति में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

  • भ्रष्टाचार के मामले में हमारी नीति है ‘शून्य सहनशीलता’

  • प्रतिष्ठा नहीं, जनसेवा में समर्पण हो आपका मापदंड – मोहन

भुवनेश्वर। राजस्व प्रशासन की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री मोहन माझी ने तहसीलदारों और राजस्व अधिकारियों को सुशासन, पारदर्शिता और जनसेवा का पाठ पढ़ाया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि तहसीलदार राज्य प्रशासन की जमीनी रीढ़ हैं और राजस्व विभाग सरकार की कार्यसंस्कृति का दर्पण है। भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त न करने की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जनसेवा को ही अपना वास्तविक मानदंड मानने का आह्वान किया।

आज मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी लोकसेवा भवन में राजस्व अधिकारियों के आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन एवं कार्यशाला में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन व्यवस्था में तहसीलदार हमारे राजस्व प्रशासन की रीढ़ की हड्डी हैं। इसलिए आप सभी लोगों की शिकायतें सुनें और उनका शीघ्र समाधान करने का प्रयास करें। आपका कार्यालय लोगों के लिए भय का नहीं, बल्कि विश्वास का स्थान बनें।

ओडिशा में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन नहीं रहेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भूमि प्रशासन को आधुनिक और लोक कैन्द्रिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ओडिशा में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन नहीं रहेगा। जिनके पास 4 डेसिमल से कम जमीन है, उन्हें भी भूमिहीन माना जाएगा और सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध कराएगी। इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में आप सभी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सरकार और लोगों के बीच दूरी कम करना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनता की सरकार” होने के नाते सरकार और लोगों के बीच की दूरी को कम करना जरूरी है। न्याय प्रदान करना हमारी पहली जिम्मेदारी है। सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद हम एक तूफान का सामना किए थे। मुझे यह कहते हुए संतोष हो रहा है कि विभागीय मंत्री के नेतृत्व में ‘तूफान दाना’ का सफलतापूर्वक मुकाबला किया गया। ‘शून्य हताहत’ अभियान को साकार करने के लिए लगभग 8.1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया और 6,210 सुरक्षित आश्रय स्थलों में उन्हें रखा गया।

समय पर और न्यायसंगत सेवाएं देने के लिए तत्पर रहें

मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को सलाह देते हुए कहा कि आप सरकार के प्रतिनिधि के रूप में गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को समय पर और न्यायसंगत सेवाएं देने के लिए तत्पर रहें। समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक सेवा पहुंचाइए। जो लोग लंबे समय से वंचित और उपेक्षित हैं, वही सरकार की पहली प्राथमिकता हैं।

सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करें

बहुत सी मूल्यवान सरकारी जमीनें जबरन कब्जे में हैं। आप उन सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। आने वाले दिनों में सरकार राजस्व क्षेत्र में कई सुधार लाने जा रही है।

मामलों का निपटारा समयसीमा के भीतर करें

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सख्त निर्देश दिया कि दाखिल-खारिज और अन्य भूमि संबंधित मामलों का निपटारा समयसीमा के भीतर करें। जमीन से जुड़े मामलों में निर्णय लेते समय पूरी पारदर्शिता बरतें। क्योंकि जब आप इस भूमिका में होते हैं, तब आप न्याय के मंदिर में बैठे होते हैं। इस बात को हमेशा याद रखें।

खरीद-बिक्री में अनियमितताएं तहसीलदार की जानकारी के बिना होना लगभग असंभव

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति और अनुसूचित जातियों की जमीन की खरीद-बिक्री में कई बार अनियमितताएं देखी जाती हैं। यह क्रय-विक्रय तहसीलदार की जानकारी के बिना होना लगभग असंभव है। इसलिए, इस संबंध में कोई भी विवाद या सामान्य से भी छोटा उल्लंघन स्वीकार्य नहीं होगा। यदि किसी स्तर पर जानबूझकर त्रुटि होती है, तो उसका परिणाम संबंधित अधिकारी को भुगतना पड़ेगा। इस मामले में सरकार की नीति ‘शून्य सहनशीलता’ की है।

मौसम के पूर्वानुमानों का पालन करना होगा

कुछ दिनों में मानसून शुरू हो जाएगा। कुछ क्षेत्रों में यह पहले ही शुरू हो चुका है। इसलिए सभी को मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमानों का नियमित रूप से पालन करना होगा और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के अनुसार कदम उठाने होंगे। जून से लेकर नवंबर तक मानसून और चक्रवात की स्थिति बनी रहेगी। इसलिए सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रशासन को तैयार रखना होगा।

उद्योग के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध करानी होगी

उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व विभाग सरकार की पारदर्शिता और सुशासन का आईना है। यदि सरकार आपके क्षेत्र में कोई उद्योग स्थापित करना चाहती है, तो आपको आवश्यक भूमि उपलब्ध करानी होगी। यदि सरकार के पास ज़मीन नहीं है, तो लोगों से भूमि अधिग्रहण करना पड़ेगा और यह काम हमेशा विश्वास के साथ करना होगा।

किसानों तक लाभ पहुंचाएं

सरकार इस समय धान की खरीद के लिए अतिरिक्त 800 तक दे रही है। लेकिन कौन-सा किसान किस जमीन पर वास्तविक खेती कर रहा है, इसका सत्यापन ज़रूरी है। यह सत्यापन राजस्व, सहकारिता, कृषि और सिंचाई विभाग मिलकर करेंगे। इसलिए सटीक जानकारी सामने आनी चाहिए, ताकि वास्तविक रूप से खेती करने वाले किसानों को लाभ मिल सके।

 भ्रष्ट अधिकारियों को कड़ा संदेश

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार बनें। यह सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। जो अधिकारी अच्छा काम करेंगे, उन्हें अवश्य पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतिष्ठा नहीं, समर्पण हो आपका मापदंड। एक पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त राजस्व प्रशासन हमारा लक्ष्य और उद्देश्य है। हमें इस लक्ष्य को सामने रखकर काम करना होगा।

पारंपरिक कार्यप्रणाली में बदलाव लाना पड़ेगा – पुजारी

कार्यक्रम में भाषण देते हुए राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि पारंपरिक कार्यप्रणाली में बदलाव लाना पड़ेगा। आप सभी को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद राजस्व प्रशासन में व्यापक सुधार हुआ है। राजस्व सेवाएं अब जनता के और निकट आ चुकी हैं। अब जनता ही सरकार के कार्यों की सर्वोच्च निर्णायक है। हमें जनता का विश्वास अर्जित करना होगा। सरकारी दफ्तरों में आने वाले नागरिकों से अच्छा व्यवहार करें। समय पर राजस्व सेवाएं प्रदान करने के लिए सतर्क रहें, ऐसा पुजारी जी ने अधिकारियों को सलाह दी। कार्यक्रम में राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डीके सिंह ने स्वागत भाषण दिया, जबकि केंद्रीय राजस्व आयुक्त बी परमेश्वरन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव मनोज आहूजा और विकास आयुक्त अनु गर्ग मंचासीन थीं। इस दो दिवसीय कार्यशाला के पहले सत्र में सभी जिलों के उपजिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी और तहसीलदारों ने भाग लिया।

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