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एक्साइज अध्ययन के लिए चार राज्यों में भेजी गई तीन टीमें
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15 से 20 जून के बीच लागू होगी नई नीति
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार राज्य में शराब नियंत्रण की नई नीति लागू करने से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए एक्साइज विभाग की तीन टीमों को चार राज्यों के अध्ययन दौरे पर भेजा है। ये टीमें आंध्र प्रदेश, राजस्थान, केरल और तमिलनाडु जाकर शराब नियंत्रण व वितरण से जुड़े मॉडल का विश्लेषण करेंगी।
राज्य के अगले तीन सालों के लिए प्रस्तावित शराब नीति जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह (15 से 20 जून के बीच) में लागू की जाएगी। इसकी पुष्टि उत्कृष्ट मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने की है।
नई शराब दुकानें नहीं खुलेंगी
नए मसौदे की एक बड़ी बात यह है कि इसमें नई शराब दुकानों के लाइसेंस देने की अनुमति नहीं होगी, जो कि पूर्ववर्ती राजस्व-आधारित सोच से बिल्कुल अलग रुख है।
कानूनी उपायों को समझना दौरे का मुख्य उद्देश्य
चार राज्यों के भ्रमण का मकसद वहां की शराब नीति, प्रवर्तन मॉडल, सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा, और कानूनी उपायों को समझना है। अध्ययन के बाद टीमें 7-8 जुलाई तक लौटेंगी और उसके बाद नीति में अंतिम संशोधन किए जाएंगे।
अवैध शराब, कमजोर प्रवर्तन और दंड प्रणाली पर फोकस
नई नीति का फोकस राज्य में अवैध शराब के निर्माण और तस्करी, प्रवर्तन की कमजोरियां, और पुराने दंड प्रावधानों को दुरुस्त करना होगा। मंत्री हरिचंदन पहले ही कह चुके हैं कि नीति में सभी खामियों को दूर किया जाएगा और दंड को कड़ा बनाया जाएगा।
नशा नियंत्रण की बड़ी मुहिम का हिस्सा
यह शराब नीति राज्य सरकार की व्यापक नशा-मुक्ति अभियान का हिस्सा है। 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर राज्यभर के स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया गया था। सरकार का उद्देश्य है स्वस्थ, नशा-मुक्त समाज का निर्माण करना, विशेषकर युवाओं के लिए।
दीर्घकालिक सोच के साथ नई नीति निर्माण
तीन साल के लिए लागू की जा रही यह नीति स्थायी और समेकित समाधान पर केंद्रित होगी, न कि तात्कालिक और बिखरे उपायों पर। अधिकारी मानते हैं कि यह दस्तावेज ओडिशा की सामाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप होगा और अन्य राज्यों के सफल उदाहरणों को अपनाते हुए स्थानीय ज़रूरतों के मुताबिक ढाला जाएगा।