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ओडिशा में कोविड से 2025 में पहली मौत, दो अंकों में पहुंची संख्या

  • भुवनेश्वर में संक्रमित पाए गए एक बुजुर्ग व्यक्ति की गई जान

भुवनेश्वर। ओडिशा में साल 2025 में कोविड-19 से पहली मौत हुई है, जबकि पॉजिटिव की संख्या दो अंकों में पहुंच गई है। कुल पॉजिटिव की संख्या 12 तक पहुंची है। इसलिए ओडिशा में कोविड-19 संक्रमण के मामले एक बार फिर चिंता का कारण बन रहे हैं।

रविवार को राज्य में तीन नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। इससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है, जबकि एक की मौत के बाद सक्रिय मामलों की संख्या 11 है।

स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है और कहा है कि सभी संक्रमितों के संपर्कों की पहचान कर निगरानी एवं नियंत्रण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि नए मामले राज्य के किस जिले से संबंधित हैं।

इसी बीच इस साल की पहली संदिग्ध कोविड-19 मौत भुवनेश्वर में हुई, जहां हाल ही में संक्रमित पाए गए एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि मृतक होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे थे और उन्हें कई अन्य गंभीर बीमारियाँ भी थीं। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उनकी मौत केवल कोविड-19 के कारण हुई या फिर पहले से मौजूद बीमारियों ने उनकी स्थिति को गंभीर बना दिया।

कोई आधिकारिक बयान नहीं

सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ नीलकंठ मिश्र ने नए संक्रमणों की पुष्टि की, लेकिन इन मामलों के स्थानों के बारे में विशिष्ट विवरण नहीं बताया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने वायरस के आगे प्रसार को रोकने के लिए संपर्क ट्रेसिंग और रोकथाम प्रोटोकॉल शुरू किए हैं।

हालाँकि स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक तौर पर मौत की पुष्टि नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि कई सहवर्ती बीमारियों वाले एक बुजुर्ग मरीज की शनिवार को एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

मौजूदा वैरिएंट हल्का

स्वास्थ्य अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मौजूदा वैरिएंट हल्का है और लोगों से घबराने की अपील नहीं की है। नागरिकों को सतर्क रहने, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क लगाने जैसे बुनियादी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने और अच्छी स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

सतर्कता बरतने की अपील

बढ़ते मामलों और मौत की आशंका के बीच ओडिशा सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने और कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने की अपील की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराने की सलाह दी है।

स्वास्थ्य सचिव ने शनिवार को जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार की ओर से फिलहाल कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, लेकिन ओडिशा सरकार ने पहले से ही ऑक्सीजन संयंत्रों को क्रियाशील करना, जांच किट की खरीद और अस्पतालों में बेड की व्यवस्था जैसी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

स्थिति नियंत्रण में, लेकिन प्रभाव से अछूता नहीं

देशभर में भी कोरोना के मामलों में फिर से वृद्धि देखी जा रही है। शनिवार को भारत में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2,710 तक पहुंच गई, जिससे आमजन में चिंता की लहर है।

हालांकि ओडिशा में स्थिति अब भी नियंत्रण में है, लेकिन राज्य पूरी तरह से कोविड के प्रभाव से अछूता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर जोखिम वाले क्षेत्रों में एहतियाती कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।

यह घटनाक्रम एक बार फिर याद दिलाता है कि कोविड-19 पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है और विशेषकर बुजुर्गों व बीमार लोगों के लिए अब भी खतरा बना हुआ है।

मई में आठ मामले सामने आए

बीते मई महीने में राज्य में आठ मामले सामने आए थे। इनमें भुवनेश्वर से पांच, कटक से दो और खुर्दा से एक मामला शामिल हैं। अनुक्रमित किए गए पांच नमूनों में से दो की पहचान एलएफ.7.9 और तीन की पहचान एक्सएफजी के रूप में की गई।

भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के सूत्रों के अनुसार, दोनों ओमिक्रॉन वंशज 2020-22 की लंबी कोविड लहरों से जुड़े हैं, जिसके कारण लाखों मौतें हुईं। ये उप-वेरिएंट, जो अब भारत में मामलों को बढ़ावा दे रहे हैं, जेएन.1 वेरिएंट से निकले हैं, जिसने 2023 के अंत और 2024 की शुरुआत में वैश्विक लहरों को बढ़ावा दिया।

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