-
66 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली
-
कचरे से कला गढ़ने वाली महिला को पीएम मोदी ने दी थी मान्यता
-
देशभर में पसरा शोक
केंद्रापड़ा। ओडिशा की प्रसिद्ध पर्यावरण योद्धा कमला महाराणा, जिन्हें पूरे देश में ‘जरी मौसी’ के नाम से जाना जाता था, का शनिवार रात कटक में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 66 वर्ष की थीं। कुछ दिन पहले घर में एक दुर्घटना में उनकी पीठ में गंभीर चोट आई थी, जिसके बाद उन्हें पहले केंद्रापड़ा अस्पताल और फिर कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पीठ की चोट बनी मौत की वजह
उनके बेटे महेंद्र महाराणा ने बताया कि कुछ दिन पहले मां कुर्सी पर बैठने जा रही थीं, तभी वह फिसल गईं और गिरने से उनकी पीठ में गहरी चोट लगी। पहले उन्हें केंद्रापड़ा अस्पताल ले जाया गया और फिर कटक एससीबी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनके हृदय पर अधिक दबाव पड़ा, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई और उनका निधन हो गया।
कचरे से करिश्मा कर बनीं महिला सशक्तिकरण की प्रतीक
कमला महाराणा ने बेकार पॉलीथीन की थैलियों से चटाई, बैठने की शीट, टोकरियां, पापड़ सुखाने की टोकरी, कालीन, बेड शीट आदि जैसे उपयोगी घरेलू सामान बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई थी। उनकी यह अनूठी कला स्व-सहायता समूहों की कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी।
मोदी ने ‘मन की बात’ में सराहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके इस कार्य को अपने प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में सराहा था। जब प्रधानमंत्री खुद केंद्रापड़ा आए थे, तब उन्होंने सार्वजनिक मंच पर कमला मौसी के पैर छूकर सम्मान भी प्रकट किया था। रक्षाबंधन के अवसर पर कमला मौसी ने पीएम मोदी को खुद से बनाई गई पॉलीथीन की राखी भेजी थी, जिससे वह भावुक हो गए थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भी रही चर्चा में
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों को पॉलीथीन से बने कैप भेजे थे, जिससे उन्हें फिर से राष्ट्रीय ध्यान मिला।
नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रापड़ा सांसद बैजयंत पांडा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि कमला महाराणा महिला सशक्तिकरण की एक अनूठी मिसाल थीं। उन्होंने जरी जैसे कचरे को उपयोगी वस्तुओं में बदलकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
‘मोदी जी की बहन’ के नाम से थीं जानी जाती
कमला महाराणा को देशभर में प्रधानमंत्री मोदी की बहन और पॉलीथीन से उपयोगी वस्तुएं बनाने वाली महिला के रूप में जाना जाता था। उनका निधन हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति है।