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अहिल्याबाई केवल शासक नहीं थीं, वह समाज सुधारक भी थीं – मुख्यमंत्री
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कहा-राज्य सरकार ले रही है उनसे प्रेरणा
भुवनेश्वर। अहिल्याबाई केवल एक शासक नहीं थीं, वे एक समाज सुधारक भी थीं। उनका जीवन और कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वे नारी शक्ति, सुशासन और समाज सेवा का एक अद्वितीय उदाहरण थीं। ये बातें मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्थानीय जयदेव भवन में आयोजित पुण्यश्लोका महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं राज्य स्तरीय जयंती समारोह में कहीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर एक ऐसी महिला थीं, जिन्होंने अपने न्यायप्रियता, साहस और प्रजा के प्रति अद्वितीय समर्पण के माध्यम से भारतीय इतिहास में अमर स्थान प्राप्त किया। उनका जीवन हमारे लिए एक प्रेरणा है, जो आज के ओडिशा में भी हमें सुशासन और समाज कल्याण का मार्ग दिखाता है। अहिल्याबाई का जीवन ओडिशावासियों के लिए एक महान प्रेरणा है। हमारे राज्य में भी नारी शक्ति के कई उदाहरण हैं। अहिल्याबाई की तरह हमें भी समाज में न्याय, शिक्षा और समानता को प्रोत्साहित करना चाहिए।
हमारी राज्य सरकार भी माताओं के सशक्तिकरण के लिए ‘सुभद्रा योजना’ जैसी एक ऐतिहासिक योजना को लागू कर रही है, जो महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और आत्मनिर्भर बनाकर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने में सहयोग दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हम वर्तमान शासन प्रणाली पर नजर डालें, तो पाएंगे कि कई राज्य सरकारें अहिल्याबाई के आदर्शों से प्रेरणा ले रही हैं। आज की सरकार जिस तरह से ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रही है, वह अहिल्याबाई के दृष्टिकोण के साथ सामंजस्य रखता है।
समाज को और अधिक सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरणा लेकर हम अपने समाज को और अधिक सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज जब देश एक संकटपूर्ण परिस्थिति से गुजर रहा है, तब पुनः देश की नारी शक्ति इस संघर्ष का नेतृत्व कर रही है। दो दिन पहले माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने देशवासियों को यह बताया कि कैसे नारी शक्ति ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली थी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नारी शक्ति का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य अभियान का नाम नहीं है, बल्कि यह नारी शक्ति का प्रतीक है। कुछ दिन पहले ओडिशा का जनपर्व ‘सावित्री व्रत’ मनाया गया था। उसी सिंदूर के लिए सती सावित्री ने मृत्यु के देवता यमराज से लड़ाई की थी। आज उसी सिंदूर की मर्यादा और सम्मान की रक्षा के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वज्र संकल्प लिया है। जो कोई इस देश की नारी के सिंदूर को बुरी नजर से देखेगा, उसका यमराज से साक्षात्कार निश्चित है। यह चेतावनी प्रधानमंत्री ने दी है। आज देश सुरक्षित हाथों में है। आज पूरे देश में गूंज रहा है, ‘मोदी है तो, हम सुरक्षित हैं।’
होलकर न्यायप्रियता और साहस की प्रतीक
कार्यक्रम में उपस्थित विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने अहिल्याबाई होलकर को न्यायप्रियता और साहस की प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने कहा कि अहिल्याबाई के आदर्शों को अपनाकर हम ओडिशा में सुशासन, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में नई दिशा स्थापित कर सकते हैं।
भाषा, साहित्य, संस्कृति और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने अहिल्याबाई को आज के समाज के लिए एक प्रकाश स्तंभ बताया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद श्रीमती सरोज पांडे भी प्रमुख रूप से उपस्थित थीं।
कर्मयोगिनी पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर” का विमोचन
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित ओड़िया पुस्तक “कर्मयोगिनी पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर” का विमोचन किया।
गृह एवं नगर विकास मंत्री डॉ कृष्णचंद्र महापात्र ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया, जबकि समाजसेवी श्रीमती प्रज्ञाप्रियदर्शिनी आचार्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया।