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ओडिशा में लखपति दीदी राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य समापन

  •  देशभर की 16 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर

  • ओडिशा मॉडल बना प्रेरणा स्रोत

  •  ओएनडीसी और इंडस्ट्री फाउंडेशन के साथ हुआ करार

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने भुवनेश्वर स्थित लोक सेवा भवन कन्वेंशन सेंटर में लखपति दीदी राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया। यह दो दिवसीय कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में ओडिशा की अग्रणी भूमिका को समर्पित था। इस अवसर पर बताया गया कि ओडिशा ने देश में सर्वाधिक 16 लाख से अधिक महिलाओं को सालाना 1 लाख रुपये या उससे अधिक कमाने योग्य बनाया है, जो कि भारत सरकार की इस प्रमुख पहल के तहत सबसे बड़ी उपलब्धि है।

सम्मेलन का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया। उनके साथ मंच पर माननीय उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रवती परिडा, विकास आयुक्त श्रीमती अनु गर्ग, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, देशभर से आए 300 से अधिक लखपति दीदी, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्याएं, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के प्रतिनिधि और विकास साझेदार उपस्थित रहे।

साझा किए गए सर्वोत्तम अभ्यास

दोपहर के सत्र में हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा के एसआरएलएम ने अपने-अपने राज्यों के सफल अनुभव साझा किए।
इस दौरान दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ समझौता, ताकि एसएचजी उत्पादों को डिजिटल माध्यम से व्यापक बाजार तक पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही इंडस्ट्री फाउंडेशन के साथ समझौता, जिससे सतत उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिल सके।

दिन का समापन मिशन शक्ति एवं ओएलएम की एसएमडी और निदेशक डॉ. मोनिका प्रियदर्शिनी द्वारा विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों को स्मृति चिह्न भेंट कर हुआ। इसके बाद अपर सचिव श्रीमती सुमित्रा पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

प्रतिभागियों ने मिशन शक्ति बाजार का भी दौरा किया

प्रतिभागियों ने मिशन शक्ति बाजार का भी दौरा किया, जहाँ ओडिशा के हथकरघा और हस्तशिल्प आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।

पुरी भ्रमण के साथ हुआ समापन

कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतिभागियों को फील्ड इमर्शन प्रोग्राम के अंतर्गत पुरी जिले की यात्रा करवाई गई। जिला टीम के सहयोग से जगन्नाथ मंदिर, रघुराजपुर हस्तशिल्प ग्राम, चंद्रभागा समुद्र तट, और कोणार्क सूर्य मंदिर व संग्रहालय का भ्रमण कराया गया। इस सांस्कृतिक और उद्यमिता पर केंद्रित यात्रा ने यह सिद्ध किया कि स्थानीय विरासत और महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के बीच गहरा संबंध है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम ने ओडिशा मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत किया और देशभर से आए प्रतिनिधियों ने इसे अपने-अपने राज्यों में लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।

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