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सिक्किम में दर्दनाक हादसा, ओडिशा की भाजपा नेत्री समेत आठ लापता

  • तेज बहाव वाली तीस्ता नदी में गिरा पर्यटकों का वाहन

  • एक की मौत, दो बचाए गए, राहत अभियान जारी

  • भाजपा की जाजपुर जिला इकाई की महासचिव हैं लापता इतिश्री जेना

गंगटोक/भुवनेश्वर। सिक्किम के उत्तर जिले में गुरुवार देर रात एक पर्यटक वाहन के तीस्ता नदी में गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि ओडिशा भाजपा की जाजपुर जिला इकाई की महासचिव इतिश्री जेना समेत आठ लोग लापता हैं। वाहन करीब 1000 फीट गहरी खाई में गिरकर तीस्ता नदी में समा गया। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और रातभर राहत व बचाव अभियान चलता रहा।

मिली जानकारी के अनुसार, यह वाहन लाचेन से लाचुंग की ओर जा रहा था। बताया जा रहा है कि गाड़ी में कुल 10 लोग सवार थे, जिनमें पर्यटक ओडिशा और कोलकाता के थे। वाहन ने एक तीव्र मोड़ पर नियंत्रण खो दिया और गहरी खाई में गिरते हुए सीधा तीस्ता नदी में जा गिरा। यह इलाका बेहद दुर्गम है और तीस्ता नदी का बहाव इस क्षेत्र में बहुत तेज़ है।

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन, भारतीय सेना, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस और सिक्किम पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। एक पर्यटक का शव बरामद किया गया है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल पर्यटकों को गंगटोक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेष आठ लोग अभी भी लापता हैं। इन आठों की तलाश के लिए गोताखोरों और पर्वतीय बचाव इकाइयों की मदद ली जा रही है।

लापता लोगों में ओडिशा भाजपा की जाजपुर जिला इकाई की महासचिव इतिश्री नायक जेना भी शामिल हैं। इस खबर के सामने आने के बाद ओडिशा में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चिंता की लहर फैल गई है।

ओडिशा ने विशेष टीम सिक्किम भेजा

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात की और ओडिशा के पर्यटकों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने मीडिया को जानकारी दी कि माझी ने विशेष टीम को सिक्किम भेजने का निर्देश दिया है, जो वहां फंसे ओडिशा के नागरिकों की मदद करेगी। उन्होंने घायलों के समुचित इलाज और लापता लोगों की खोज के लिए हरसंभव सहायता देने की बात कही है।

यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए अधिकारियों को निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ओडिशा के यात्रियों की सुरक्षित वापसी की भी व्यवस्था करें। इसके साथ ही ओडिशा सरकार सिक्किम प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है।

मुख्यमंत्री ने हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि ओडिशा सरकार पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने सिक्किम सरकार से तत्काल बातचीत कर घायलों के इलाज, राहत और बचाव कार्यों को लेकर चर्चा की है।

राज्य सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि घायलों की हरसंभव सहायता की जाएगी और उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

दुर्घटना के बाद लाचेन-लाचुंग मार्ग अस्थायी रूप से बंद

इस दुर्घटना के बाद प्रशासन ने लाचेन-लाचुंग मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और पर्यटकों से अपील की है कि वे इस मार्ग पर यात्रा करने से फिलहाल परहेज़ करें। हादसे की भयावहता को देखते हुए स्थानीय लोग भी सहायता में जुटे हैं और बचाव टीमों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

राहत कार्य में कोई कसर नहीं – सोनम डेचु भूटिया

सिक्किम के मंगन जिले के पुलिस अधीक्षक सोनम डेचु भूटिया ने बताया कि राहत कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, लेकिन इलाके की कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और नदी की तेज़ धारा रेस्क्यू को चुनौतीपूर्ण बना रही हैं। फिर भी टीमों को भरोसा है कि लापता लोगों को जल्द से जल्द खोज लिया जाएगा।

बचाव कार्य में संयुक्त कोशिशें जारी

पूरा घटनाक्रम देशभर में चिंता और दुख का विषय बन गया है। स्थानीय प्रशासन और सेना की संयुक्त कोशिशें जारी हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी घटनाक्रम पर नज़र रखी जा रही है।

तीस्ता नदी का बहाव काफी तेज

तीस्ता नदी का उद्गम सिक्किम राज्य के उत्तर में स्थित जेमा ग्लेसियर से बने चोलामु झील से होता है, जो कंचनजंघा पर्वत श्रृंखला के निकट समुद्र तल से लगभग 5,330 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसलिए इस नदी का बहाव काफी तीव्र होता है। यह नदी सिक्किम के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी जिलों और सिलीगुड़ी से बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश करती है। लगभग 315 किलोमीटर लंबी तीस्ता नदी भारत और बांग्लादेश के लिए जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। यह नदी दो देशों के बीच जल-बंटवारे के लिए भी एक महत्वपूर्ण विषय बनी हुई है।

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