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लखपति दीदी योजना सिर्फ आय नहीं, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की है क्रांति – मुख्यमंत्री

  •  राष्ट्रीय लखपति दीदी सम्मेलन–2025 में दिखाई ओडिशा की झलक

  •  25 राज्यों की लखपति दीदियों की भागीदारी

  • कहा-महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और नेतृत्व क्षमता को जाग्रत करने का सशक्त माध्यम बनी योजना

भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में लागू लखपति दीदी योजना आज देशभर की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की दिशा में प्रेरित कर रही है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को राष्ट्रीय लखपति दीदी सम्मेलन–2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। सम्मेलन में 25 राज्यों की लखपति दीदियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल केवल महिलाओं को 1 लाख रुपये वार्षिक आय दिलाने का प्रयास नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता देना और नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है, जिससे वे समाज में बदलाव की वाहक बन सकें।

उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन लोकसेवा भवन कन्वेंशन सेंटर में मिशन शक्ति विभाग द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें देश के 25 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों से लखपति दीदी और सरकारी अधिकारी शामिल हुए।

यह सम्मेलन महिलाओं के नेतृत्व के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन केवल हमारी उपलब्धियों का उत्सव नहीं है, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शक्ति और उनका उद्यम न केवल परिवारों को, बल्कि देश के भविष्य को भी मजबूत बनाता है। लखपति दीदी योजना सिर्फ एक कल्याणकारी योजना नहीं, बल्कि समावेशी और सतत विकास की रणनीति है।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर दी जानकारी

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महिलाओं की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता के लिए कई पहल की हैं। राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद में पारित हुआ है, जिसके तहत आगामी चुनावों में लोकसभा और विधानसभाओं में कम से कम 33 प्रतिशत महिलाएं निर्वाचित होकर आएंगी।

ओडिशा में लगभग 17 लाख लखपति दीदी

 मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा ने लखपति दीदी मिशन को प्रतिबद्धता के साथ लागू किया है, और आज लगभग 17 लाख महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में सशक्त बनाकर ओडिशा ने पूरे भारत में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह सफलता हमारी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं की निष्ठा, मिशन शक्ति और ओडिशा जीविका मिशन की प्रतिबद्धता तथा जमीनी स्तर पर कुशल कार्य के कारण संभव हो सकी है।

10 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण

उन्होंने आगे कहा कि ओडिशा की सभी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 10 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। रिवॉल्विंग फंड सहायता को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दिया गया है और कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड को 35 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख रुपये किया गया है। इसके माध्यम से स्वयं सहायता समूह   सदस्याएं आत्मविश्वास के साथ अपने व्यवसाय और जीविका को आगे बढ़ा पा रही हैं।

कड़ी मेहनत ने अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया

सुभद्राशक्ति मेला के माध्यम से  स्वयं सहायता समूह  महिलाएं लाखों रुपये का कारोबार कर रही हैं, जिससे वे न केवल अपनी पहचान बना रही हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा रही हैं। सुभद्राशक्ति कैफे  के रूप में एक नया आजीविका मॉडल शुरू हुआ है, जिसके अंतर्गत स्वयं सहायता समूह  महिलाएं बड़े-बड़े कैफे चला रही हैं। हमारी महिलाओं की निष्ठा और कड़ी मेहनत ने उन्हें अब अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचा दिया है।

राज्य सरकार की प्रतिबद्ध दोहराई

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ओडिशा की हर महिला के समग्र विकास हेतु उपयुक्त वातावरण, समर्थन और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं को उद्यमिता और नेतृत्व के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए हमारे सभी प्रयास जारी हैं। हमारा उद्देश्य है कि लखपति दीदी केवल महिलाओं की आजीविका का साधन न बनकर, यह महिला गरिमा, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व का आंदोलन बने।

इस अवसर पर, रायगड़ा जिले की लखपति दीदी बिंध्यावासिनी और महाराष्ट्र की शोभा दिगंबर कदम ने भी अपनी सफलता की भावना और अनुभव साझा किए।

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