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एके-47 राइफल और हथियारों का जखीरा बरामद
कोरापुट। माओवादी विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए ओडिशा पुलिस की डिस्ट्रिक्ट वॉलंटरी फोर्स (डीवीएफ) ने गुरुवार को कोरापुट जिले के बैइपारिगुड़ा थाना क्षेत्र के तहत पेटागुड़ा गांव के पास सर्च ऑपरेशन के दौरान कुख्यात माओवादी नेता कुंजम हिडमा उर्फ मोहन को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान पुलिस ने हिडमा के कब्जे से एके-47 राइफल, 35 जिंदा कारतूस, विभिन्न प्रकार के डेटोनेटर, बारूद, रेडियो सेट और माओवादी साहित्य बरामद किया है।
पुख्ता खुफिया जानकारी हुई कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, सीपीआई (माओवादी) के कैडरों की गतिविधियों की पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर जयपुर के एसडीपीओ पार्थ कश्यप और एसी डीओसीओ दिव्य प्रसाद परिडा के नेतृत्व में 28 मई की रात को संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था।
मुठभेड़ के बाद कई माओवादी फरार
जैसे ही सुरक्षा बल माओवादियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, माओवादियों ने जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी और जंगल की ओर भाग गए। इसके बाद शुरू की गई तलाशी में हिडमा को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि बाकी माओवादी फरार हो गए।
पर 7 बड़े माओवादी मामलों में संलिप्तता है कुंजम
कुंजम हिडमा छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का रहने वाला है और प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन का एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम) है। वह 2007 में मात्र 14 वर्ष की उम्र में माओवादी संगठन से जुड़ा था और प्रशिक्षण लेकर संगठन में ऊंचे पद तक पहुंचा। पुलिस के अनुसार, वह ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में माओवादी गतिविधियों में सक्रिय रहा है। हिडमा कोरापुट और मालकानगिरि में हुई कई मुठभेड़ों में शामिल रहा है और बस्तर क्षेत्र में भी इसकी गतिविधियां रही हैं। ओडिशा में उस पर 7 बड़े माओवादी मामलों में संलिप्तता पाई गई है, जिनमें से 4 कोरापुट और 3 मालकानगिरि जिले में दर्ज हैं।
हिडमा से पूछताछ जारी
पुलिस हिडमा से पूछताछ कर रही है और अन्य माओवादी साथियों का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी गई है। उसकी गिरफ्तारी को सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले कुछ वर्षों की सबसे बड़ी सफलता बताया है। इस ऑपरेशन से माओवादियों की कमर तोड़ने की दिशा में सुरक्षा बलों को मजबूती मिली है और इससे ओडिशा के माओवाद प्रभावित इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहायता मिलेगी।