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लौह अयस्क लेकर कोरापुट से विशाखापट्टनम जा रही थी मालगाड़ी
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दुर्घटना स्थल पर राहत ट्रेन रवाना, वैकल्पिक मार्गों से चल रहीं कुछ यात्री गाड़ियां
भुवनेश्वर। ओडिशा के कोरापुट से विशाखापट्टनम जा रही लौह अयस्क से लदी एक मालगाड़ी एक बड़ी दुर्घटना का शिकार हो गई। यह हादसा पूर्वी तट रेलवे के वाल्टेयर मंडल के अंतर्गत आने वाले अरकू–कोट्टावलसा खंड में चिमिडीपल्ली और टायडा स्टेशनों के बीच एक सुरंग के भीतर हुआ, जहां 25 से अधिक डिब्बे पटरी से उतर गए है।
मालगाड़ी कोट्टावलसा–किरंडुल (केके) रेलमार्ग से होते हुए विशाखापट्टनम की ओर जा रही थी। यह ओडिशा और आंध्रप्रदेश को जोड़ने वाला एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण औद्योगिक मालवाहन मार्ग है। यह इलाका दुर्गम पहाड़ी भूभागों और सुरंगों से भरा हुआ है, जहाँ रेल संचालन पहले से ही चुनौतीपूर्ण रहता है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, यह हादसा दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर हुआ, जब ट्रेन चिमिडीपल्ली के पास सुरंग से गुजर रही थी। अचानक से डिब्बे एक-एक कर पटरी से उतरते चले गए, जिससे सुरंग के भीतर और उसके निकटवर्ती हिस्सों में रेल परिचालन पूरी तरह बाधित हो गया।
कोई जनहानि नहीं, लेकिन मार्ग बाधित
हालांकि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, परंतु इस दुर्घटना ने केके रेलमार्ग पर मालगाड़ियों के संचालन को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह मार्ग लौह अयस्क और अन्य खनिजों की ढुलाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
हादसे की जानकारी पाते ही पूर्वी तट रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्यों का नेतृत्व कर रहे थे। रेलवे की ओर से तुरंत एक राहत ट्रेन रवाना की गई है, ताकि पटरी से उतरे डिब्बों को हटाकर ट्रैक को बहाल किया जा सके।
मरम्मत कार्य में बारिश बनी बाधा
गौरतलब है कि ओडिशा के कई हिस्सों में इस समय कम दबाव के कारण लगातार वर्षा हो रही है, जिससे राहत और मरम्मत कार्यों में भी दिक्कत आ रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि दुर्गम पहाड़ी इलाकों और भारी डिब्बों के कारण बहाली कार्य में घंटों नहीं, बल्कि एक-दो दिन तक का समय लग सकता है।
वैकल्पिक मार्ग से चल रही हैं यात्री गाड़ियां
इस मार्ग पर हालांकि मुख्य रूप से मालगाड़ियां चलती हैं, फिर भी विशाखापट्टनम और किरंडुल के बीच चलने वाली कुछ यात्री गाड़ियों को विजयनगरम और रायगढ़ा मार्ग से मोड़ दिया गया है, ताकि यात्रियों को असुविधा न हो।