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20 नए एनएसी गठन को लेकर भाजपा और बीजद आमने-सामने
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने शहरी विकास की दिशा में एक अहम पहल करते हुए पहले चरण में 20 नई अधिसूचित क्षेत्र परिषदें (एनएसी) गठित करने की घोषणा की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए जिलों को आवश्यक आंकड़े जुटाने और क्षेत्रवार रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। शहरी विकास विभाग और पंचायती राज विभाग के बीच समन्वय से यह प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ाई जा रही है।
राजनीतिक टकराव शुरू
मुख्यमंत्री मोहन मांझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के इस कदम से राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। विपक्षी दल बीजद ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं और सरकार की मंशा पर संदेह जताया है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी जल्द से जल्द जुटाएं ताकि नए एनएसी और नगरपालिकाओं का गठन समय पर हो सके।
सरकार का लक्ष्य 30 जून तक सभी प्रशासनिक सीमाओं का पुनर्निर्धारण करना है। यह प्रक्रिया राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की देखरेख में हो रही है। गंजाम जिले के पोलसारा को एनएसी से नगरपालिका में परिवर्तित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
पोलसारा को लेकर उम्मीदें
पोलसारा से विधायक एवं मत्स्य पालन तथा पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने इसके लिए सभी आवश्यक आंकड़े उपलब्ध कराने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। स्थानीय लोगों में इस निर्णय को लेकर काफी उत्साह है, क्योंकि वे लंबे समय से अपने क्षेत्र को नगरपालिका में शामिल किए जाने की मांग कर रहे थे।
पोलसारा के एक निवासी ने कहा कि सरकार ने केवल घोषणा नहीं की, बल्कि क्रियान्वयन की दिशा में भी कदम उठाए हैं।
गंजाम कलेक्टर दिव्यज्योति परिडा ने कि हम पोलसारा को लेकर निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे शीघ्र ही राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।
बीजद का तीखा आरोप
पूर्ववर्ती बीजद सरकार के समय 57 नए एनएसी बनाने की घोषणा की गई थी, जिसे भाजपा ने महज चुनावी हथकंडा बताया था। अब जब भाजपा सरकार ने 20 नए एनएसी के गठन की घोषणा की है, तो बीजद का आरोप है कि सरकार ने एनएसी गठन के मानकों में बदलाव कर दिया है, जिससे अपेक्षित क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया।
बीजद विधायक गौतम बुद्ध दास ने कहा कि नई सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा घोषित एनएसी की संख्या को मान्यता नहीं दी। इसके कारण नगरीकरण की प्रक्रिया में देरी हुई। अब एक वर्ष बाद सरकार केवल कुछ एनएसी बना रही है, जो वास्तविक आवश्यकता से कम हैं। सरकार को तय मानकों के अनुसार समुचित संख्या में एनएसी और नगरपालिका गठित करनी चाहिए।
सरकार का पक्ष
गृह निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री कृष्णचंद्र महापात्र ने स्पष्ट किया कि पहले चरण में 20 नए एनएसी का गठन किया जाएगा और इसके बाद अगला चरण शुरू होगा। हमारी सरकार काम में विश्वास रखती है, न कि खोखली बातों में।
पंचायती राज मंत्री रवि नारायण नायक ने बताया कि शहरी विकास विभाग और पंचायती राज विभाग के बीच समन्वय से यह योजना लागू की जा रही है।
कई क्षेत्रों की मांगें तेज
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से अब एनएसी दर्जा पाने की मांगें तेज हो गई हैं। कई विधायक सरकार को ज्ञापन सौंप चुके हैं और अपने-अपने क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र परिषद में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इस योजना ने जहां ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी प्रशासनिक सुविधा देने की उम्मीदें जगाई हैं, वहीं इसके राजनीतिक प्रभाव और विपक्ष के आरोपों ने इस पूरी प्रक्रिया को राज्य की राजनीति का केंद्रबिंदु बना दिया है।